मुंबई, 07 फरवरी। महाराष्ट्र के पालघर में हिंदू साधुओं की मॉबलिंचिंग की आग ठंडी नहीं हुई थी कि नौसेना के 27 साल के जवान सूरज की जिंदगी को अस्त करने जिंदा जला दिया गया। तमिलनाडु के चैन्नई से 30 जनवरी को अगवा किए गए नौसेना के 26 वर्षीय नाविक को महाराष्ट्र के पालघर जिले के जंगलों में जिंदा जला दिया गया। बुरी तरह से झुलसे नाविक की अस्पताल में मौत हो गई। जिला पुलिस ने बताया कि मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती कराए गए पीड़ित सूरज कुमार दुबे ने शुक्रवार को अंतिम सांस ली। सूत्रों के के अनुसार 15 जनवरी 2021 को सूरज की सगाई हुई थी। इसी साल मई में उनकी शादी होने वाली थी।

पुलिस अपहरणकर्ताओं की तलाश कर रही है। पालघर जिला पुलिस के प्रवक्ता सचिन नावेडकर ने बताया कि झारखंड में रांची निवासी दुबे कोयंबटूर के पास INS अग्रणी पर तैनात थे।

परिजन के साथ छुट्टी बिता कर लौट रहे ते ड्यूटी पर

नौसेना में 27 साल के नाविक सूरज कुमार छुट्टी बिता कर 30 जनवरी को राँची से लौट रहे थे। फ्लाइट से वह चेन्नई एयरपोर्ट रात के लगभग 9 बजे INS अग्रणी जाने के लिए यहीं पर ती बदमाशों ने उनका अपहरण कर लिया। किडनैप करने वालों ने उन्हें रिवॉल्वर दिखा कर कीमती मोबाइल फोन भी छीन लिया था। अपहरणकर्ताओं ने सूरज कुमार को तीन दिन तक चेन्नई में ही रखा, और सफेद रंग की SUV में घुमाते रहे। इस दौरान 10 लाख रुपए की फिरौती भी उनके परिवार से माँगी गई। पैसा नहीं मिलने पर अपना प्लान उन्हें होते लगा तो  अपहरणकर्ता सूरज कुमार को पालघर ले गए। शुक्रवार (5 फरवरी 2021) को पालघर के डहाणू तलासरी के वेवजी इलाके में स्थित जंगल में उन्होंने हाथ-पैर बाँध कर सूरज कुमार के शरीर पर पेट्रोल डाली और आग लगा दी। दुबे किसी तरह से वहां से भागे और कुछ स्थानीय नागरिकों की मदद से धहानू प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। उनका 90 फीसदी शरीर बुरी तरह से झुलसा हुआ था। ऐसी हालत में उन्हें मुंबई के नौसेना अस्पताल ले जाया गया लेकिन रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया। मरने से पहले उन्होंने पुलिस को पूरी घटना के बारे में बताया। नौसेना के प्रवक्ता ने बताया कि दुबे को जब अगवा किया गया तो वह छुट्टी पर थे और उन्हें शुक्रवार सुबह 90 फीसदी जली हालत में पालघर में पाया गया।

पिता ने मांगा इंसाफ, जलाने के लिए बदमाश लाए थे पाल घर तीन दिन चैन्नई में रखा कैद

सूरज के पिता ने अपने बेटे के लिए इंसाफ की गुहार लगाई है। उनके पिता मिथिलेश दुबे ने कहा- मैं अपने बेटे के लिए इंसाफ चाहता हूं। मैं मीडिया के जरिए यही संदेश देना चाहता हूं। उसने मरने से पहले बयान दिया था कि फिरौती के लिए उसे किडनैप करके तीन दिन तक कैद रखा गया था। उसे बाद में पालघर लाया गया और जिंदा जला दिया गया। 

साधुओं की मॉबलिंचिंग के लिए पालघर रहा है विवादों में

पालघर में 2 साधुओं समेत 1 ड्राइवर की लिंचिंग हुई थी। सूत्रों के मुताबिक पुलिस ने हत्या के बाद कई घंटों तक शवों की सुध नहीं ली थी। उनकी देह 9 घंटे तक सड़क पर लावारिस पड़ी रही। पुलिस वाले हत्या के बाद भाग खड़े हुए थे। रात भर ड्राइवर और दो संतों की हत्या के बाद भी पुलिस ने सुध नहीं ली थी। पालघर में मिशनरियों का प्रभाव होने की बात भी पता चली है। यहाँ 2019 में ही मिशनरियों का एक वीडियो सामने आया था, जो बताता है कि वो धर्मान्तरण के लिए क्या-क्या कर रहे हैं। यहाँ के मिशनरी लगातार लोगों में हिन्दू देवी-देवताओं और साधु-संतों के ख़िलाफ़ ज़हर भरने में लगे रहते हैं।

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