ग्वालियर, 03 फरवरी। पुलिस की छवि सुधारने विभाग के वरिष्ठ अधिकारी लाख कोशिशें करे, लेकिन मैदानी अमले की करतूतें फिर वही सूरत सामने कर देती हैं। ग्वालियर के मुरार पुलिस थाना क्षेत्र के सीपी कॉलोनी इलाके में एक दलित किशोरी ने खुद को सामूहिक वलात्कार की शिकार बताते हुए शिकायत की, लेकिन पुलिस ने पीड़िता को ही अपनी थर्ड डिग्री का शिकार बना डाला। किशोरी ने CJM के समक्ष धारा 164 के तहत पुलिस प्रताड़ना का बयान दर्ज कराया है। अदालत के निर्देश पर किशोरी को CSP आरएन पचौरी के सुपुर्द किया गया, CSP ने उसे ONE STOP सेंटर भेज दिया। ग्वालियर के एसपी अमित सांघी का कहना है कि पुलिस किसी लड़की की पिटाई नहीं कर सकती है। अगर थाने में ऐसा हुआ है तो मामले की जांच के बाद जो गलत है उस पर कार्रवाई होगी। गैंग रेप की शिकायत पर हुई प्रताड़ना….

किशोरी ने मुरार महिला उप निरीक्षक समेत पुलिस थाने स्टाफ पर आरोप लगाया कि गैंगरेप का मामला दर्ज नहीं कराने का दबाव बनाने के लिए उसके साथ मारपीट की गई, हालांकि पुलिस ने इन आरोपों को नकारा है। किशोरी ने CJM के समक्ष साफ कहा कि वह मुरार पुलिस के साथ मेडिकल अथवा अन्य औपचारिकता के लिए नहीं जाना चाहती है। इसलिए सीजेएम कोर्ट ने लड़की को सीएसपी आरएन पचौरी के सुपुर्द कर दिया है। खास बात यह है कि घटना को 24 घंटे बाद तक पीड़िता का मेडिकल परीक्षण नहीं हो सका था बाद में CJM के समक्ष बयान दर्जा कराए जाने के बाद उसका मेडिकल परीक्षण कराया गया।

रेप का मामला दर्ज नही कराने हुई पीड़िता औऱ अभिभावकों की पिटाई

किशोरी के बयान दर्ज कराने वाले शासकीय अधिवक्ता ओपी शर्मा के अनुसार बीते रविवार 31 जनवरी 2021 की रात को 8 बजे सीपी कॉलोनी में रहने वाले गंगा सिंह भदौरिया के पोते आदित्य भदौरिया और उसके दोस्त ने लड़की को घर में अकेला पाकर उसके साथ बलात्कार किया था। बताया गया है कि किशोरी आरोपियों के घर में घरेलू काम करने आती थी। शर्मा ने बताया कि पोते की करतूत की जानकारी गंगा सिंह को लगी तो उन्होंने किशोरी पर शिकायत नहीं करने का दबाव बनाया, लेकिन वह अभिभावकों के साथ मुरार पुलिस थाने पहुंच गई। पुलिस थाने के स्टाफ ने मामला जर्ज करने में आनाकानी की, लेकिन एडिशनल एसपी सुमन गुर्जर के हस्तक्षेप के बाद बलात्कार का मामला दर्ज किया गया।

शासकीय अधिवक्ता ओपी शर्मा का आरोप है कि किशोरी और उसके परिजन की पुलिस थाने के अंदर मारपीट की गई है, क्योंकि वह सब मामला दर्ज कराने पर अड़े थे। किशोरी ने संवाद माध्यमों को शरीर पर चोटों के निशान भी दिखाए, फिर भी मुरार पुलिस किशोरी के बयानों को झूठा बता रही है।

पीड़िता ने सुनाई आपबीती, आरोपी के दादा ने कहा साजिश

पीड़िता ने खुद को 15 साल बताते हुए आरोप लगाया है कि सीपी कॉलोनी निवासी गंगा सिंह भदौरिया के मकान में झाडू पोंछा के काम के लिए 20 दिसंबर 2020 को रखा गया था। उसे रहने के लिए भी घर के ग्राउंड फ्लोर पर जगह दी गई थी। किसोरी के अनुसार 31 जनवरी की रात 8 बजे गंगा सिंह के पोते आदित्य भदौरिया और उसके एक दोस्त ने कमरे का दरवाजा खुलवाया मेरे साथ दोनों ने बलात्कार किया, और धमकाकर भाग गए। किशोरी ने बता कि वह डरी हुई थी। पुलिस से पहले उसने सीएम हेल्प लाइन पर कॉल किया। वहां से मिले निर्देश पर मुरार पुलिस पीड़िता को थाने ले आई। आनाकानी के बाद पुलिस ने आदित्य के दोस्त के विरुद्ध रेप का मामला दर्ज किया।

आरोपी पक्ष ने अपना बचाव करते हुए बताया कि आदित्य सिंह भदौरिया पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली लड़की झूठ बोल रही है। दरअसल 28 सितंबर 2017 को गंगा सिंह बदौरिया के बेटे संजय भदौरिया की हत्या सोनू परमार, संदीप शर्मा और उनके साथियों ने कर दी थी। संजय का बेटा आदित्य वारदात का मुख्य गवाह है। हाल ही में सभी आरोपी कोविड पैरोल पर जेल से बाहर निकले हैं। इन्होंने साजिश के तहत इस लड़की को 20 दिसंबर को काम पर रखवाया। गंगा सिंह के मुताबकि घर में लगे CCTV कैमरे की फुटेज से साफ हुआ है कि राहुल शर्मा नाम का एक लड़की 31 जनवरी 2021 की रात पौने आठ बजे खाना का पैकेट लेकर आता दिख रहा है। उसके आते ही रात 8:22 बजे उसने लड़की के साथ सीएम हेल्प लाइन पर कॉल किया था।

आयु में निकला विरोधाभास

मुरार थाना टीआई अजय पवार का कहना घटना के बाद थाना पहुंची पीड़ित ने खुद को नाबालिग बताते हुए अपनी उम्र 15 साल बताई थी। जिस पर पुलिस ने पॉक्सो एक्ट की भी धारा लगाई। पर उसका जो आधार कार्ड उसने दिया उसमें उम्र 13 साल है। जब बिजौली के विजयगढ़ से उसके पिता को बुलाया गया और उसने जो मार्कशीट दी है। उसमें लड़की की उम्र 18 साल 8 महीने है।

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