ग्वालियर, 22 जनवरी। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की युगल पीठ ने नाबालिग आरोपी को अग्रिम जमानत का लाभ देने से इनकार कर दिया है। उच्च न्यायालय के अनुसार किशोर न्याय अधिनियम में गिरफ्तारी का ही प्रावधान नहीं है तो अग्रिम जमानत का लाभ देने का कोई अर्थ नहीं है। इस मामले की सुनवाई के लिए युगलपीठ का गठन किया गया था, क्योंकि इंदौर बेंच ने एक ऐसे ही मामले में नाबालिग को अग्रिम जमानत का लाभ नहीं दिया था, जबकि इसके विपरीत ग्वालियर खण्डपीठ में एकल पीठ ने इसी तरह के दूसरे मामले में आरोपी किशोर को अग्रिम जमानत का लाभ दे दिया था।
जब जेल ही नहीं भेजा जाता तो अग्रिम जमानत कैसी
मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की ग्वालियर और इंदौर की खण्डपीठ में एकल पीठों ऩे एक ही तरह के दो मामलों में विभिन्न मत दिए तो मामले मुख्य पीठ के न्यायाधीश की सलाह के लिए भेजा गया। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश की अनुशंसा पर ग्वालियर में यह मामला युगल पीठ को सौंपा गया था। युगल पीठ नें बीते माह ग्वालियर के डबरा के देहात थाने के नाबालिग आरोपी की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई की और फैसला सुरक्षित रखा। गुरुवार को विशेष पीठ ने इस मामले में अपना रुख साफ किया और कहा कि किशोर न्या अधिनियम के तहत आरोपी को हिरासत में नहीं रखा जाता है, न ही उसे जेल भेजा जाता है। उसमें सुधार की गुंजाइश देखते हुए आरोपी को बाल-संप्रेक्षण गृह में जरूर भेजा जाता है। इसलिए नाबालिग आरोपी को अग्रिम जमानत नहीं दी जा सकती है।
यह है मामला
पिछले साल 4 जून 2020 को जिले के डबरा देहात थाने में एक लड़की ने दुष्कर्म का मामला 3 लोगों के खिलाफ दर्ज कराया था। जिसमें दो आरोपी बालिग थे जबकि तीसरा नाबालिग था। गिरफ्तारी से बचने के लिए नाबालिग ने अग्रिम जमानत का आवेदन पेश किया था जिसे किशोर न्याय अभिकरण ने खारिज कर दिया था। इसकी विशेष न्यायाधीश के समक्ष अपील भी खारिज हो गई थी। तब नाबालिग आरोपी ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से उच्च न्यायलय में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन किया था। दरअसल पूर्व में ऐसे ही एक मामले में उच्च न्यायालय की ग्वालियर खण्डपीठ ने नाबालिग आरोपी को जमानत दे दी थी, जबकि इंदौर खण्डपीठ ने इसी तरह के एक मामले में अग्रिम जमानत का आवेदन अस्वीकार कर दिया था। तब इस मामले के निपटारे के लिए विशेष पीठ बनाने का मुख्य न्यायाधीश से आवेदन किया गया था। उक्त मामले में दो बालिग आरोपियों की गिरफ्तारी पहले ही पुलिस द्वारा की जा चुकी है।