ग्वालियर, 10 जनवरी। हिंदू महासभा ने रविवार को अपने दौलतगंज स्थित कार्यालय में ‘गोडसे ज्ञानशाला’ प्रारंभ की है। ज्ञातव्य है कि हिंदू महासभा के अनुसार कांग्रेस ने 50 सालों तक देश के विभाजन के खिलाफ आवाज उठाने वाले नाथूराम गोडसे के बयानों को कोर्ट के आदेश के हवाले से रोक रखा था। अब कोर्ट ने इस पर लगा प्रतिबंध हटा दिया है, इसलिए उनका बयान सबके सामने आना चाहिए। गौडसे का उनके विरुद्ध चले मुकदमे में दिया बयान हिंदू महासभा आने वाली पीढ़ी को सुनवाना चाहती है। ज्ञानशाला के उद्घाटन में बड़ी संख्या में हिंदू महासभा के महिला और पुरुष कार्यकर्ता शामिल हुए।
हिंदू महासभा नेता विनोद जोशी, कैलाश नारायण शर्मा, लाल जी शर्मा और हरिदास अग्रवाल की मौजूदगी में हिंदू महासभा ने अपने निजी भवन में खोली गई ‘गौडसे ज्ञानशाला’ में गोडसे और उनके प्रेरणा स्रोत महापुरुषों के चित्र का अनावरण किया। इस मौके पर नाथूराम गौडसे के सम्मान में उनके समर्थकों ने आरती भी गाई और जिंदाबाद के नारे लगाए।
हिंदू महासभाः नई पीढ़ी को बताएंगे–कांग्रेस ने कराया देश विभाजन, गौडसे ने इसीका लिया था बदला
हिंदू महासभा गौडसे ज्ञानशाला में देश की आजादी में क्रांतिकारियों के बलिदान और हिंदू महासभा के नेता नाथूराम गोडसे एवं नारायण आप्टे के जीवन परिचय और उनके प्रेरणास्रोत महान क्रांतिकारियों से भी युवा पीढ़ी को अवगत कराएगी। हिंदू महासभा का मत है कि राजनीतिक दल अपने फायदे के लिए नाथूराम गोडसे को हत्यारा कहते हैं, जबकि उन्होंने महात्मा गांधी और मोहम्मद अली जिन्ना की वजह से हुए विभाजन का प्रतिकार किया था। हिंदू महासभा का आरोप है कि कांग्रेस ने देश का विभाजन कराया औऱ लाखों हिंदुओं की हत्या का कारण बनी थी। कांग्रेस के कृत्य को आजादी के बाद छुपा कर रखा गया, जबकि युवा पीढ़ी को जानना चाहिए कि देश को आजादी किन परिस्थितियों में मिली और अखंड भारत के लिए कितना संघर्ष किया गया था। हिंदू महासभा नेताओं ने बताया कि ‘गोडसे की ज्ञानशाला’ में उनसे जुड़ा साहित्य और उनके प्रेरणास्रोत रहे सभी लोगों के जीवन से संबंधित पुस्तकें भी उपलब्ध कराई जाएंगी। ज्ञातव्य है कि महासभा ने 2017 में गोडसे की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा कराई थी, जिसे भारी विरोध के बाद कोतवाली पुलिस ने जप्त कर लिया था। हिंदू महासभा हर साल नाथू राम गौडसे की जयंती और शहादत दिवस मनाती है।