ग्वालियर, 07 जनवरी। ग्वालियर व्यापार मेला व्यापारी संघ ने गुरुवार को मेला प्राधिकरण कार्यालय के बाहर उपरि-वस्त्र उतारकर धरना प्रदर्शन किया। व्यापारियों की मांग है कि मेला आयोजन की तिथि जल्द घोषित की जाए। मेला व्यापारियों ने निर्णय लिया है कि मेला आयोजन  तिथियों की घोषणा तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। प्रदर्शन कर रहे व्यापारियों का तर्क है कि जब विदिशा मेला आयोजित हो सकता है, कुंभ मेला जैसे वृहद आयोजनों की भी व्यवस्था हो सकती है, तो COVID-19 के डर के नाम पर अकेले ग्वालियर मेले के आयोजन में ही क्यों विलंब किया जा रहा है, जबकि केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री सुनिश्चित कर चुके हैं कि ग्वालियर के ऐतिहासिक मेला का आयोजन किया जाएगा। मेले की तिथि घोषित न होने तक जारी रहेगा प्रदर्शन….

मेला आयोजन की तिथियां शीघ्र घोषित किए जाने की मांग के साथ उपर-वस्त्र उतार कर प्रदर्सन कर रहे मेला व्यापारियों की पीड़ा है कि जब उद्योग मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा ने भोपाल मिलने गए व्यापारी संगठनों को आश्वस्त किया था कि 15 जनवरी से मेला लगाया जाएगा, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिहं तोमर, भाजपा के राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह सार्वजनिक तौर पर कह चुके हैं कि ग्वालियर मेला हर हाल में आयोजित होगा, तो फिर कोरोना संक्रमण के भय से इस सौ से भी अधिक वर्ष पुराने ऐतिहासिक मेले के आयोजन में क्यों विलंब किया जा रहा है।

ऐतिहासिक है ग्वालियर व्यापार मेला, देश भर से आते है व्यापारी-सैलानी

ज्ञातव्य है कि करीब सौ साल से भी ज्यादा पुराने इस मेले के आयोजन को लेकर लोगों में विशेष उत्साह रहता है। खासकर ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स होम एप्लाइंसेज की मेले में करोड़ों रुपए का व्यापार होता है। ग्राहक-व्यापारी, अमीर-गरीब औऱ बूढ़े-बच्चे सभी को इस मेले का इंतजार रहता है। इस में भाग लेने व्यापारी औऱ सैलानी देश के दूर-दराज इलाकों तक से आते हैं। व्यापारियों को मलाल है कि जब विदिशा मेले को अनुमति मिल चुकी है, शिल्प मेले की तिथि घोषित की जा चुकी है और कुंभ मेला भी आयोजित किया जा रहै है तो  ग्वालियर व्यापार मेले को क्यों अधर में लटका कर रखा गया है।

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