ग्वालियर 17 दिसम्बर। बिजली कंपनी के मीटर रीडर ने 10 महीने तक रीडिंग नहीं ली और आंकलित खपत के बिल भेजे जाते रहे। इसके बाद एक साथ 10 महीने की रीडिंग लेकर 4317 यूनिट का बिल भेज दिया। उपभोक्ता ने जब पूछताछ की तो बिल एडजेस्ट कराने के नाम पर 20 हजार रुपए की रिश्वत मांगी, और शिकायत करने पर आगे भी इसी तरह परेशान करने की धमकी भी दी। परेशान उपभोक्ता ने इसकी शिकायत अफसरों से कर दी। अफसरों ने मीटर रीडर के विरुद्ध पड़ाव पुलिस थाने में FIR दर्ज करा दी। शहर के अधिकारियों की कार्रवाई पर ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने संतोष जताते हुए शाबासी दी है।
ऊर्जा विभाग मध्यप्रदेश में विद्युत उपभोक्ताओं के प्रति कितना संवेदनशील है इसका उदाहरण गुरुवार को देखने को मिला। मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने उपभोक्ता को गलत रीडिंग से परेशान करने, धोखाधड़ी करने और कम्पनी की छवि धूमिल करने वाले मीटर रीडर के विरुद्ध पड़ाव थाने में FIR दर्ज करा दी। पुलिस सूत्रों के अनुसार फीडबैक इंफ़्रा प्राइवेट लिमिटेड के मीटर रीडर अजीत राजावत, और सुपरवाइजर रवि अग्रवाल के विरुद्ध CRPC की धारा 420, 506, 511, 34 के तहत FIR दर्ज करवाई गई।
ग्वालियर के D-13 द्वारिकापुरी फूलबाग में रहने वाली क्रांति देवी ने फूलबाग जोन ग्वालियर में शिकायत दर्ज करवाई कि मीटर रीडर अजित राजावत ने उनके मीटर की द्वारा पिछले 10 माह से सही रीडिंग न लेकर अगस्त 2020 में एक साथ 10 महीने का 4317 यूनिट का विल जारी कर दिया। इस विल को एडजस्ट करने के लिए 20 हजार रुपये की मांग की गई। इसके साथ ही उपभोक्ता को परेशान करने की धमकी भी दी गई। क्रांतिदेवी ने इसकी शिकायत AE फूलबाग जोन को की। अधिकारियों के निर्देश पर AE महेंद्र कौशल ने पड़ाव थाने में कमीटर रीडर औऱ सुपरवाइजर के विरुद्ध शिकायत कर दी। जांच में पुलिस ने शिकायत को सही पाया मामला दर्ज कर लिया।