खर्च बचाने मैनेजर ने ही पाले आवारा कुत्ते 

ग्वालियर, 17 दिसंबर। शहर के पॉश रेसिडेंशियल कैंपस ‘विंडसर हिल्स’ के पार्क में खेल रहे मासूम बच्चों पर यहां घूमने वाले आवारा कुत्तों ने हमला कर दिया। कुत्तों ने महिला कांग्रेस की जिलाध्यक्ष रुचि गुप्ता के 12 वर्षीय बेटे युवराज के पेट, कमर और हाथ में दांत गढ़ा दिए। कुत्तों के हमले से युवराज के पेट और हाथ में मांस तक निकल आया। साथ खेल रहे बच्चों ने कुत्तों का भगाने का प्रयास किया तो कुत्ते इन पर भी झपट पड़े। बच्चे चीखते हुए अपने घरों की तरफ भागे। चीख सुनकर पहुंची महिलाओं ने कुत्तों को भगाकर बच्चे की जान बचाई।

बच्चे की मां की शिकायत पर सिरोल पुलिस ने विंडसर हिल्स सोसायटी के मैनेजर और कर्मचारी के विरुद्ध FIR दर्ज कर ली है। कैंपस के निवासियों ने बताया कि .हां आवारा कुत्तों का आतंक है। आरोप है कि मैनेजर और कर्मचारियों ने ही इन्हें पाला है। कुत्तों को भगाओ तो मैनेजर व कर्मचारी लड़ने लगते हैं। विंडसर हिल्स के निवासियों ने बताया कि एक महीने में कुत्तों के हमले की तीसरी घटना है।

महिलाएं न पहुंचती तो खतरे में थी बच्चे की जान

विंडसर हिल्स के E-202 में रहने वाले संदीप और उनकी पत्नी (महिला कांग्रेस की जिलाध्यक्ष) रुचि गुप्ता के घर इन दिनों अतिथि रुके हुए हैं। उनका 12 वर्षीय बेटा युवराज आसपास रहने वाले दोस्तों और चचेरे भाई के साथ खेलने के लिए सोसायटी स्थित पार्क में गया। इसी दौरान सोसायटी में घूमने वाले आवारा कुत्ते पार्क में खेल रहे बच्चों पर झपटे। युवराज पर कुत्तों के झुंड ने हमला करते हुए उसके पेट, हाथ और पीठ व कमर के नीचे दांतों और पंजों से नोंच डाला। बच्चों की चीख सुनकर आसपास मौजूद महिलाएं पार्क में दौड़ीं, और किसी तरह कुत्तों को भगाया, तब बच्चे की जान बच सकी। बच्चा लहूलुहान हो गया था, उसे तत्काल पास में ही स्थित अस्पताल ले जाया गया। इस हादसे के बाद विंडसर हिल्स के निवासियों ने हंगामा कर दिया। युवराज की मां और कांग्रेस अध्यक्ष रुचि की  शिकायत पर मैनेजर अजय कुमार मिश्रा और सिक्योरिटी कर्मचारी भूपेंद्र सिंह गुर्जर के विरुद्ध FIR दर्ज कर ली गई।

मैनेजर ने ही पाले कुत्ते ताकि सिक्योरिटी खर्च बचे
विंडसर हिल्स के निवासियों ने बताया कि वह हर महीने 2,200 रुपए मेंटेनेंस के लिए देते हैं। इसके बावजूद आवारा कुत्ते पाल लिए गए, जो कई बार हमला कर चुके हैं। एक महीने पहले एक और बच्चे को काटा था। आवारा कुत्तों की वजह से सोसाइटी के अंदर यह तीसरी बड़ी घटना है। शिकायत के बावजूद मैनेजर ने कुत्तों को बाहर नहीं निकाला। नगर निगम में सूचना दी, लेकिन सिक्योरिटी ने गाड़ी अंदर नहीं आने दी। प्रबंधक और कार्ड गेट पर खड़े होने के अलावा कोई काम नहीं करते हैं। 

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