ग्वालियर, 5 दिसंबर। लोन लेकर नया कारोबार शुरू करना एक युवक को भारी पड़ गया। कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए ठीक उसी समय लॉकडाउन घोषित हो गया जब कारोबार को आगे बढ़ाना था। काम तो रुक गया, किंतु ब्याज बढ़ता गया, चुकाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं हो पा रही थी। लिहाजा ऋण देने वाले संस्थान के कारिंदे दबाव बनाने के लिए आए दिन अपमान करने लगे। परेशान युवक अवसाद में आगया, और आखिरकार शुक्रवार रात फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली।
ग्वालियर में कटी-घाटी स्थित गिर्राज जी मंदिर के पास रहने वाले नितिन ओझा ने लॉकडाउन घोषित होने से ठीक पहले दोस्त रामनरेश के साथ मिलकर होम क्रेडिट नामक निजी वित्तीय संस्थान से 1.25 लाख रुपए का लोन लिया था। कारोबार शुरू हो पाता, उससे पहले ही महीनों के लिए लॉकडाउन हो गया। परिजन के अनुसार ऋण देने वाले वित्तीय संस्थान के लोग नितिन पर ऋण की किश्तें चुकाने के लिए दबाव डालने लगे। परिणामस्वरूप नितिन ओझा बेहद तनाव में रहने लगा। तनाव जनित अवसाद के कारण नितिन धैर्य खो बैठा और शुक्रवार रात अपनी दुकान में ही फांसी के फंदे पर झूल गया। नितिन के दो छोटे बच्चे और पत्नी हैं, जो अब पूरी तरह से बेसहारा हो गए हैं।