ग्वालियर, 18 नवंबर। उपचुनाव के बाद शुरू हुई एंटी-माफिया मुहिम का बुलडोजर बुधवार दोपहर कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक सिंह के बालाजी मैरिज गार्डन पर चल गया। प्रशासन के मुताबिक गार्डन सरकारी जमीन पर बनाया गया है। किंतु गार्डन के मालिकों में से एक इंदर सिंह ने बताया कि विवाद पर हाईकोर्ट ने स्टे दे दिया है, साथ प्रशासन ने कार्रवाई से पहले कोई चेतावनी या सूचना भी नहीं दी। चुनाव आचार संहिता समाप्त सरकारी मुहिम शुरू…..

उप चुनाव में भाजपा की विजय के बाद जैसे ही चुनाव आचार संहिता हटी, ग्वालियर प्रशासन ने कांग्रेस के शासनकाल में शुरू की गई एंटी-माफिया मुहिम को दोबारा जीवित कर दिया। दिलचस्प बात यह है कि मुहिम के उप चुनाव बाद हुई कार्रवाई का शिकार बने कांग्रेस के ही प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक सिंह। बुधवार दोपहर प्रशासनिक अमला बुलडोजर लेकर अचानक गांधीरोड़ स्थित बालाजी गार्डन पहुंचा, और सीधे तोड़फोड़ शुरू कर दी। जब तक अशोक सिंह के परिजन और वकील गार्डन की जमीन संबंधित कागजात लेकर वहां पहुचे कार्रवाई शुरू कर दी गई, और गार्डन का एक हिस्सा ढहा दिया। हालांकि टीम ज्यादा तोड़फोड़ कर पाती तब तक टीम का नेतृत्व कर रहे अधिकारी के मोबाइल पर कुछ फोन आए और कार्रवाई रोक दी गई। प्रशासनिक अमला सात दिन की मोहलत देकर वापस चला गया।

कोई नोटिस नहीं अचानक कर दी तोड़फोड़ कार्रवाई का नेतृत्व कर रहे अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी आशीष तिवारी ने बताया कि बालाजी गार्डन के भू-स्वामियों ने 2 बीघा सरकारी जमीन पर कब्जा किया हुआ है। इसका सीमांकन कराया जाएगा। जबकि वकील और भू-स्वामी एक इंदर सिंह के मुताबिक उन्हें हाईकोर्ट ने इस विवाद में स्टे दिया है। प्रशासन के मुताबिक पुराने विवाद के जारी रहते गार्डन संचालक ने एक सरकारी जमीन के एक और हिस्से पर निर्माण करा लिया है, जो अवैध है।

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