अयोध्या, 13 नवंबर। दीपावली के शुभ अवसर पर अयोध्या इस बार नया इतिहास लिखने जा रही है। घाटों से लेकर नदियों तक, आसमान से लेकर धरती तक, पेड़-पौधे, दीवार, घर, दुकान-मकान सबकुछ राममय हो गया है। दीपावली का यह अलौकिक दृश्य देखते ही बन रहा है। इस पूरे कार्यक्रम की निगरानी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं कर रहे हैं। शुक्रवार दोपहर मुख्यमंत्री ने खुद राम-सीता का स्वागत वंदन कर उत्सव का प्रारंभ किया, उनके साथ राज्यपाल आनंदी बेन पटेल भी मौजूद रहीं।

पावन व सलिल सरयू नदी के तट पर शुक्रवार को त्रेता युग जीवंत हो उठा। यहां हेलिकॉप्टर से राम की पैड़ी के रामकथा पार्क में भगवान श्रीराम, सीताजी तथा लक्ष्मण के स्वरूप के उतरने पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के साथ सीएम योगी आदित्यनाथ तथा उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों ने स्वागत किया।

अयोध्या में लौटा त्रेता युग, योगी ने किया दोपोत्सव का शुभारंभ

श्रीराम, माता सीता तथा लक्ष्मण जी रथ पर सवार होकर रामकथा पार्क पहुंचे। रामकथा पार्क के मंच पर श्रीराम का राज्याभिषेक हुआ। राज्यपाल मुख्यमंत्री व अन्य विशिष्ट जनों ने राम सीता और लक्ष्मण की आरती उतारी। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के साथ सीएम योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य तथा उत्तर प्रदेश के मंत्रिमंडल के सदस्यों ने आरती की।  रथ पर सवार होकर रामकथा पार्क पहुंचे श्रीराम, माता सीता तथा लक्ष्मण जी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के साथ सीएम योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य तथा उत्तर प्रदेश के मंत्रिमंडल के सदस्यों ने आरती की।

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के साथ सीएम योगी आदित्यनाथ ने हेलिकॉप्टर से सरयू तट पर उतरे भगवान राम, सीता जी व लक्षमण के स्वरूप के आगमन पर उनकी अगवानी करने के साथ ही हर्ष व्यक्त किया। इससे पहले राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और सीएम योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में रामजन्मभूमि स्थल पर श्रीरामलला की पूजा की।

अयोध्या में जश्न का माहौल है। हो भी क्यों नहीं। मान्यताओं के अनुसार, रावण वध करने के बाद प्रभु राम के अयोध्या लौटने की खुशी में चारों ओर दीपोत्सव की तैयारी चल रही है। वैसे से तो यह चौथा दीपोत्सव है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण शुरु होने के बाद यह पहला दीपोत्सव कार्यक्रम है। इस बार खुशी की बात है कि इतने वर्षों बाद राम भक्त जन्मभूमि पर वर्चुअल तरीके से ही सही खुशियों के दीप जला सकेंगे। 14 नवंबर को दीपोत्सव कार्यक्रम मनाया जाएगा।

दीपोत्सव कार्यक्रम के लिए पूरी अयोध्या इसकी तैयारियों में जुटी है। रामनगरी की सीमा में घुसते ही तोरणद्वारों का क्रम जारी हो जा रहा है। सड़कों के किनारों पर बैरिकेडिंग हो रही है। अधिकांश तोरणद्वारों की सजावट रामायण के प्रसंगों के अनुसार की जा रही है। इनमें से कुछ अलग-अलग तरह के फूलों से सजाए जाएंगे। पूरे कार्यक्रम की ड्रोन से मैपिंग की जाएगी। सभी आयोजनों में एकरूपता दिखे। इस क्रम में मुख्य कार्यक्रम स्थलों के बैकग्राउंड एक रंग में होंगे। तिलकोत्सव, राजतिलक,सरयू आरती के दौरान वेदपाठी ब्राह्मण अवसर के अनुसार जब मंत्रपाठ करेंगे तो पूरे अयोध्या में सिर्फ वही धुन सुनाई देगी। मंदिरों, मठों और अन्य धर्मस्थल के प्रबंधकों से प्रशासन इसमें सहयोग की अपील करेगा। पूरे कार्यक्रम का बड़ी-बड़ी स्क्रीन, स्क्रीन लगे वाहनों से सजीव प्रसारण होगा। तकनीक के जरिए देश-दुनिया के रामभक्त इस खुशी में शामिल हो सकेंगे।

योगी सरकार का चौथा दीपोत्सव, 5.51 लाख दीपकों का रिकार्ड

योगी सरकार का अयोध्या में यह चौथा दीपोत्सव है। बाकी आयोजनों की तरह इसमें भी 5.51 लाख दीपक प्रज्जवलित कर एक नया रिकॉर्ड बनाने की तैयारी है। इन दीपकों को जलाने में करीब आठ हजार स्वयंसेवकों (एनसीसी, एनएसएस, स्काउट और स्वयंसेवी संस्थाओं के लोगों) की मदद ली जाएगी।महानगर के अलग-अलग वार्डों में दीपक जलाने और साज-सज्जा भी कराई जाएगी। पूरे कार्यक्रम की ड्रोन के जरिए मैपिंग होगी। जिस वार्ड की सजावट सबसे खूबसूरत होगी उसे शासन और प्रशासन पुरस्कृत भी करने की सोच रहा है।

जरूरी होगा कोरोना के प्रोटोकाल का अनुपालन

प्राथमिकता गाय के गोबर और माटी से बनने वाले दीयों के प्रज्जवलन की होगी। माटी कला बोर्ड दीपोत्सव के लिए 1.5 दीपक निश्शुल्क मुहैया कराएगा। दीपोत्सव की तैयारियों का जायजा लेने के लिए रविवार को अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी, प्रमुख सचिव पर्यटन मुकेश मेश्राम सहित शासन और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने अयोध्या का दौरा किया। इस दौरान प्रदेश और खासकर अयोध्या जिले के लोगों से अपील की कि वह इस पूरे आयोजन को बेमिसाल बनाने में सहयोग करें। हर आयोजन के दौरान कोरोना के प्रोटोकाल मास्क और दो गज दूरी का पालन अनिवार्य होगा।

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