ग्वालियर, 07 नवंबर। उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर अब मध्यप्रदेश के सेक्स वर्कर्स को सस्ता राशन नवंबर से ही मिलना शुरू हो जाएगा। नई कैटेगरी के लिए बढ़ा हुआ राशन अक्टूबर में जिला आपूर्ति नियंत्रक के पास आवंटित हो चुका है। ज्ञातव्य है कि उच्चतम न्यायालय के आदेश पर पीडीएस में बीपीएल की तरह एख नई कैटेगरीशामिल की गई है, इसमें सैक्स वर्कर और ट्रांसजेंडर को शामिल किया गया है। अब वैश्याओ और किन्नरो को भी सरकारी राशन, BPL की तरह नई कैटेगरी बनी ….

देश में COVID-19 संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए लगए गए लॉकडाउन का दौर शुरू हुआ तो सेक्स वर्कर्स की आमदनी बंद हो गई। आजीविका चलाने के लिए इन लोगों को बेहद परेशान होना पड़ा। उनके हालात देखते हुए गुजरात के NGO ने उच्चतम न्यायालय में सेक्स वर्कर्स की समस्याओं को लेकर याचिका दायर की थी। याचिका की बीते माह अक्टूबर में सुनवाई हुई। उच्चतम न्यायालय ने देश के सभी राज्य प्रशासनों को निर्देशित किया है कि सेक्स वर्कर्स की स्थिति को लेकर उन्हें राहत पहुंचाने के उपाय किए जाएं। उच्चतम न्यायालय ने इस नई कैटेगरी में आने वाले उपभोक्ताओं को सूखा राशन उपलब्ध कराए जाने के निर्देश जारी किए हैं। आदेश के परिपालन में राज्य सरकार ने सेक्स वर्कर्स के लिए सूखा राशन उपलब्ध कराने की तैयारी शुरू कर दी है।

घोषित रेडलआइट एरिया नहीं फिर भी बनी सरकारी सूची

विशेष बात यह है कि घोषित तौर पर रेडलाइट एरिया प्रदेश में कहीं पर भी नहीं है लेकिन इसके बावजूद उनकी पहचान छुपाए जाने की शर्त पर 40 हजार से ज्यादा सेक्स वर्कर्स की पहचान की गई है। इनमें 1.5 हजार तो सिर्फ ग्वालियर शहर में ही है, जबकि मुरैना में 1,100, शिवपुरी में 1,100 भिंड में 1,000 सेक्स वर्कर्स की पहचान की गई है। ग्वालियर के जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक चंद्रभान जादौन ने बताया कि सूची तैयार कर ली गई है,इन सभी के नाम गुप्त रखे गए हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *