हेल्थ सेक्रेटरी को हटाने समेत 9 मांगों पर अड़े, सरकार को दिया 24 घंटे का अल्टीमेटम पूरा

कोलकाता बलात्कार-हत्या प्रकरणः फाइल फोटो

कोलकाता। पश्चिम बंगाल के कोलकाता में 8 अगस्त की रात ट्रेनी डॉक्टर के बलात्कार-हत्या प्रकरण के विरुद्ध छह जूनियर डॉक्टरों ने अनशन प्रारंभ कर दिया है। जूनियर डॉक्टर्स स्वास्थ्या सचिव एनएस निगम को हटाने, स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार के लिए उत्तरदायित्व सुनिश्चित करने समेत अपनी नौ मांगों पर अडिग हैं।

चिकित्सकों ने कोलकाता पुलिस के लाठी भांजने के बाद शुक्रवार, 4 अक्टूबर को धर्मतला इलाके में डोरिना-क्रॉसिंग पर धरना प्रदर्शन शुरू किया था। उन्होंने अपनी मांगों को पूरा करने के लिए ममता सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया था। राज्य सरकार को दी गई चोतावनी की अवधि शनिवार, 5 अक्टूबर की रात 8.30 बजे समाप्त हो गई। इसके बाद पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर फ्रंट के छह प्रतिनिधियों ने आमरण अनशन शुरू कर दिया। चिकित्सकों ने बताया कि वे भूख हड़ताल की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए मंच पर CCTV लगाएंगे, ताकि हर कोई देख सके कि वहां क्या हो रहा है?

सरकार ने 5 में 3 मांगें मानी थीं तब काम पर लौटे थे चिकित्सक

पश्चिम बंगाल के जूनियर डॉक्टर्स ने बलात्कार-हत्या के अपराध के विरुद्ध 10 अगस्त से 21 सितंबर तक 42 दिन तक हड़ताल की थी। डॉक्टरों ने सरकार के सामने पांच  मांगे रखी थीं। इनमें सरकार ने तीन मान ली थीं, जबकि दो अन्य मांगों और शर्तों पर विचार करने का आश्वासन दिया था। इसके बाद डॉक्टरों ने हड़ताल खत्म कर दी थी, और चिकित्सालयों में काम पर लौट गए थे। इसके पश्चात 27 सितंबर को सागोर दत्ता हॉस्पिटल में तीन चिकित्सक और तीन नर्सों की पिटाई का मामला सामने आया था। इससे क्रुद्ध चिकित्सकों ने एक अक्टूबर को पुनः हड़ताल शुरू कर दी थी।

24 घंटे की अंतिम चेतावनी के साथ हड़ताल ली थी वापस

4 अक्टूबर को जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल वापस ले ली, लेकिन धरना जारी रखा। उन्होंने कहा कि हम काम पर लौट रहे हैं क्योंकि सरकारी चिकित्सालयों में बड़ी संख्या में रोगी परेशान हो रहे हैं। हालांकि, उन्होंने राज्य सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया था।

किसी को कुछ हुआ तो प्रदेश सरकार होगी उत्तरदायी

किसी को कुछ होता है तो राज्य सरकार उत्तरदायी होगी। जूनियर डॉक्टरों ने कहा कि हमने सरकार को 24 घंटे का समय दिया था, लेकिन 24 घंटे बाद हमें सिर्फ धमकियां ही मिलीं। हमें उत्सव में लौटने के लिए कहा जा रहा है, किंतु हम उस मानसिक स्थिति में नहीं हैं।

अनशनकारियों के अनुसार पहले चरण में छह जूनियर डॉक्टर अनशन पर बैठेंगे। मांगें फिर भी पूरी नहीं होने पर यह अनशन अनिश्चितकाल तक के लिए चलता रहेगा। ऐसी स्थिति में किसी को कुछ होता है तो उसके लि पूरी तरह राज्य सरकार उत्तरदायी होगी।

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