वॉशिंगटन : क्वाड समूह की बैठक अमेरिका में हो रही है। इस समूह की स्थापना अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन की सोच का परिणाम है। नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनावों को देखते हुए, सवाल उठता है कि क्या नए राष्ट्रपति इस समूह को जारी रखेंगे। इस संदर्भ में, जो बाइडेन ने पीएम नरेंद्र मोदी के कंधों पर हाथ रखते हुए विश्वास दिलाया कि यह नवंबर के आगे भी चलता रहेगा। पीएम नरेंद्र मोदी तीन दिन के अमेरिकी दौरे पर हैं और उन्होंने राष्ट्रपति जो बाइडेन से मुलाकात के बाद विलमिंग्टन, डेलावेयर में आयोजित क्वाड सम्मेलन में हिस्सा लिया। इस सम्मेलन में जापान के पीएम फुमियो किशिदा और ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज़ भी शामिल हुए हैं।
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनावी मैदान में हैं, जिसमें कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप प्रमुख हैं। जापान के पीएम किशिदा ने भी चुनाव न लड़ने का ऐलान किया है। इसका मतलब यह है कि अगले क्वाड समिट में केवल भारत और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री पुराने नेताओं के रूप में मौजूद रहेंगे, जबकि अमेरिका और जापान का प्रतिनिधित्व नए नेता करेंगे।
पीएम मोदी ने 2025 में भारत में क्वाड लीडर्स के शिखर सम्मेलन की मेज़बानी करने की पेशकश की। उन्होंने अपने संबोधन में साझा किया कि एक स्वतंत्र, खुला और समावेशी इंडो-पैसिफिक क्षेत्र क्वाड की साझा प्राथमिकता है। मोदी ने कहा कि हम ऐसे समय में मिल रहे हैं, जब दुनिया तनाव और संघर्षों से घिरी है। ऐसे में, यह पूरी मानवता के लिए अहम है कि क्वाड के सदस्य साझा लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर आगे बढ़ें।
यह सम्मेलन केवल एक रणनीतिक बातचीत का मंच नहीं है, बल्कि वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए सामूहिक निर्णय लेने का एक अवसर भी है। पीएम मोदी की मेज़बानी की पेशकश और बाइडेन का आश्वासन इस समूह के भविष्य को लेकर उम्मीद जगाते हैं, भले ही आने वाले चुनावों में नेतृत्व में बदलाव हो। क्वाड की भूमिका और उसके भविष्य के लिए यह समय महत्वपूर्ण है, जिसमें सदस्य देशों को सामूहिक रूप से अपनी प्राथमिकताओं और प्रतिबद्धताओं पर ध्यान केंद्रित करना होगा।