-2020 में नारी शक्ति पुरस्कार से नवाजा गया था

नई दिल्ली। मोहना सिंह आईएएफ के तेजस लड़ाकू स्क्वाड्रन का हिस्सा बनने वाली भारत की पहली महिला पायलट बन गई हैं। मोहना जून 2016 में भारतीय वायुसेना में शामिल होने वाली पहली तीन महिला लड़ाकू पायलटों में से एक थीं। उन्हें गुजरात के नलिया में स्थित नंबर 18 फ्लाइंग बुलेट्स स्क्वाड्रन सौंपा गया है। मोहना ने हाल ही में तरंग शक्ति बहुपक्षीय हवाई युद्ध अभ्यास में भाग लिया। वह पहले नंबर 3 फाइटर स्क्वाड्रन का हिस्सा थीं, उन्होंने मिग-21 बाइसन विमान उड़ाया। अवनी चतुर्वेदी, भावना कंठ और मोहना सिंह भारतीय वायुसेना की पहली महिला फाइटर पायलटों के बैच में शामिल हुई थीं। केंद्र सरकार ने पायलट आधार पर महिलाओं के लिए फाइटर स्ट्रीम खोलने का फैसला लेने के एक साल के अंदर, उन्हें 2016 में आईएएफ में कमीशन किया था।

फरवरी 2018 में अवनी चतुर्वेदी मिग-21 बाइसन उड़ाकर अकेले लड़ाकू विमान उड़ाने वाली पहली भारतीय महिला बनीं थी, जिन्होंने जामनगर बेस से उड़ान भरी थी। हाल ही में रक्षा मंत्रालय ने घोषणा की है कि 2022 में शुरू की गई महिला लड़ाकू पायलटों की प्रायोगिक योजना को अब स्थायी योजना में बदल दिया है। स्क्वाड्रन लीडर मोहना भारतीय वायुसेना की एक प्रमुख महिला फाइटर पायलट हैं। उनके पिता, प्रताप सिंह, एक रिटायर्ड एयरफोर्स ऑफिसर हैं और उनकी मां, मंजू सिंह टीचर हैं।

मोहना ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली के एयरफोर्स स्कूल से प्राप्त की और बाद में पंजाब के अमृतसर में ग्लोबल इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज से इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन में बीटेक की डिग्री प्राप्त की। वह जून 2016 में भारतीय वायु सेना में शामिल हुईं। अवनी और भावना के साथ पहली महिला फाइटर पायलटों के समूह का हिस्सा बनीं। मोहना ने मिग-21 विमान उड़ाया और अब वह एलसीए तेजस फाइटर जेट के स्क्वाड्रन का संचालन कर रही हैं। उन्हें 2020 में नारी शक्ति पुरस्कार से नवाजा गया था।

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