नई दिल्ली। डॉलर के मुकाबले रुपया उभरकर आया है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास के मुताबिक केंद्रीय बैंक की नीति रुपए में अस्थिरता को रोकना है। उन्होंने रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए कहा कि स्थिर रुपया बाजार में निवेशकों में भरोसा पैदा करता है और इससे अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में मदद मिलती है।
आरबीआई फॉरेन एक्सचेंज मार्केट में रुपए को स्थिर रखने के लिए कार्य करता रहता है। इसके लिए जरूरत पड़ने पर सरकारी बैंकों के जरिए अमेरिकी डॉलर की भी बिक्री की जाती है। इससे पहले ग्लोबल इन्वेस्टमेंट फर्म जेफरीज की ओर से एक नोट जारी किया गया था, जिसमें बताया कि बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में रुपया दुनिया की सबसे स्थिर मुद्राओं में से एक है। मार्केट समीक्षक ने कहा कि रुपए के स्थिर रहने की वजह डॉलर का कमजोर होना है, जिस कारण रुपया में डॉलर के मुकाबले मामूली कमी आई है।
एलकेपी सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट जतिन त्रिवेदी ने कहा कि बाजार का ध्यान अब अमेरिकी फेड की बैठक पर है। इसमें ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की कटौती की जा सकती है। ब्याज दरों में कटौती होने की ज्यादा संभावना की वजह अमेरिका का खराब जॉब डेटा है, जिसमें जॉबलेस क्लेम की संख्या बढ़कर 2,30,000 हो गई है, जो कि 2,28,000 आने की उम्मीद थी। मंगलवार के शुरुआती कारोबार में रुपया डॉलर के मुकाबले 2 पैसे की बढ़त के साथ 83.84 पर कारोबार कर रहा था। मार्केट विशेषज्ञ के मुताबिक अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया स्थिर रहने की उम्मीद है। 83.80 से लेकर 83.70 एक अहम सपोर्ट लेवल है। व