नई दिल्ली। इस साल हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा जहां 400 पार का नारा लगा रही थी, वहीं 240 पर सिमट कर रह गई। पीएम नरेंद्र मोदी और सियासत के कुशल रणनीतिकार अमित शाह ने भी इस चुनाव में पूरी ताकत झौंक दी। इसके बाद भी भाजपा 4 सौ पार का आंकड़ा पार करना तो दूर उसके आसपास भी नहीं पहुंच पाई। मतलब दावे और हकीकत में जमीन आसमान का अंतर कैसे हो गया। इस सवाल पर भाजपा भी हैरान है। लोकसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी की सीटें घटने की केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने वजह बता दी है। उन्होंने इसे लेकर विपक्षी दलों पर मतदाताओं के भ्रमित करने का आरोप लगाया। हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने किसानों और पिछड़ा वर्ग का खासतौर से जिक्र किया। जून में संपन्न हुए चुनाव में भाजपा अपने दम पर बहुमत हासिल करने में भी असफल रही थी और 240 सीटें जीत सकी थी। जबकि, 2019 में पार्टी को 303 सीटें मिली थीं।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, मुझे लगता है कि लोकसभा चुनाव भारत की जीत थी। भाजपा ने सरकार में वापसी की और मुझे 100 फीसदी भरोसा है कि आगामी चार राज्यों के चुनावों में हमें अच्छा बहुमत मिलेगा। लोगों ने भाजपा में फिर भरोसा दिखाया है कि यह सक्षम है, इसका रिकॉर्ड अच्छा और यह इस देश का भविष्य बदल सकती है। आप प्रदर्शन के मामले में कांग्रेस के 60 और भाजपा के 15 सालों की तुलना कर सकते हैं। आपको जवाब मिल जाएगा।मंत्री गडकरी से एक कार्यक्रम में सवाल किया गया, तो सीटों की संख्या के लिहाज से लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को झटका क्यों लगा? इस पर उन्होंने जवाब दिया, यह चुनाव लोगों को समझाने या भ्रमित करने वाला था। पहले तो विपक्ष ने मतदाताओं को भ्रमित करने के लिए कानाफूसी अभियान चलाया था। उनका कहना था कि भाजपा डॉक्टर भीमराव आंबेडकर के संविधान के खिलाफ है और संविधान को बदल देगी। गडकरी ने कहा, उनके नेताओं ने खासतौर से पिछड़ा वर्ग में डर पैदा किया कि उनको मिलने वाले लाभ अब जारी नहीं रहेंगे। दूसरा, हमारी तरफ से किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए किए गए उपायों को उनके खिलाफ बताया गया।

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