नई दिल्ली। सहारा की देनदारियों को लेकर बीते कई सालों से मामला चल रहा है। इसके बाद भी पूरी तरह निराकरण नहीं हो पाया है। इस पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए साफ कहा कि 10 हजार करोड़ चुकाने की पूरी योजना कल यानी 5 सितंबर तक बताएं। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, बेला त्रिवेदी और एमएम सुंदरेश के पीठ ने सहारा के वकील कपिल सिब्बल से पूछा, 10 साल से ज्यादा बीत चुके हैं और आपने अभी तक रकम जमा नहीं कराई है। सेबी बाकी 10,000 करोड़ रुपये मांग रहा है। आप बाकी 10,000 करोड़ रुपये कैसे देंगे?सहारा के वकील कपिल सिब्बल ने कहा, कंपनी को अपनी संपत्तियां बेचने के लिए उचित मौका नहीं मिला क्योंकि कोई भी उसकी संपत्तियों पर हाथ डालना नहीं चाहता। इस पर अदालत ने कहा कि आपको पर्याप्त मौके दिए गए। न्यायमूर्ति खन्ना ने यह भी स्पष्ट किया कि परिसंपत्तियों की बिक्री पर कोई रोक नहीं है। अदालत ने सहारा को निर्देश दिया कि वह 10,000 करोड़ रुपये चुकाने के लिए जिन परिसंपत्तियों को बेच सकती है उसकी सूची 5 सितंबर तक तैयार करे। बुधवार को मामले की फिर सुनवाई होगी। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि सहारा इंडिया को कुल 25,000 करोड़ रुपये के भुगतान में से 10,000 करोड़ रुपये चुकाने के लिए पर्याप्त मौके दिए गए। अदालत ने 2012 में कंपनी को 25,000 करोड़ रुपये चुकाने का आदेश दिया था। अदालत ने कहा, हमें सूचना मिली है कि पूंजी बाजार नियामक के पास सेबी-सहारा फंड में अभी 15,000 करोड़ रुपये हैं। अदालत को बताया गया कि बाकी रकम के बारे में पूरी तरह से अस्पष्टता है।