-राज्यों के डीजीपी, पैरा मिलिट्री फोर्स के चीफ और राज्य सरकार के सचिवों की बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने सेट किया टारगेट

– रूथलेस रणनीति से वामपंथी उग्रवाद पर होगा अंतिम प्रहार,

दिल्ली। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायुपर में शनिवार को नक्सलवाद को लेकर एक्शन प्लान बनाया गया। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रायपुर में वामपंथी उग्रवाद की समीक्षा की। बैठक के बाद शाह ने कहा कि, मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद खत्म हो जाएगा। मैं मानता हूं कि अब समय आ गया है कि वामपंथी उग्रवाद की समस्या पर एक मजबूत रणनीति के साथ रुथलेस रणनीति के साथ अंतिम प्रहार किया जाए। वामपंथी उग्रवाद लोकतंत्र व्यवस्था के लिए चैलेंज है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में नवा रायपुर के मेफेयर लेक रिसोर्ट में नक्सल प्रभावित सात राज्यों की अंतरराज्यीय समन्वय समिति की बैठक हुई। बैठक में नक्सल प्रभावित सात राज्यों के मुख्य सचिव, डीजीपी और अधिकारी शामिल हुए। इसके अलावा बैठक में अद्र्धसैनिक बलों के ऑफिसर भी शामिल थे। बैठक में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में नक्सल विरोधी अभियान और विकास कार्यों की समीक्षा की गई। इसमें छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा आदि नेता और अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे। बैठक में छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, झारखंड, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक केंद्र और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।

हमारी लड़ाई अंतिम चरण पर

शाह ने कहा कि मुझे विश्वास है कि हमारी लड़ाई अंतिम चरण पर पहुंच गई है। हम देश को 2026 मार्च तक पूरी तरह नक्सल समस्या से मुक्त कर पाएंगे। नक्सल प्रभावित जिलों में भारत सरकार और छत्तीसगढ़ सरकार की सभी योजना का सौ फीसदी काम हो इसे लेकर बैठक में चर्चा हुई। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में इंफ्रास्ट्रक्चर के जो प्रोजेक्ट है उसकी प्रगति और प्रगति के रास्ते में जो अड़चन है इसको दूर करने के लिए हमने मीटिंग की है। शाह ने कहा कि हम सब का मानना है कि वामपंथी उग्रवाद हमारे देश की लोकतंत्र व्यवस्था के लिए सबसे बड़ा चैलेंज है। भारत सरकार बस्तर से बीजापुर और दंतेवाड़ा से लेकर धमतरी तक कुरुक्षेत्र के विकास के लिए कटिबद्ध है। वामपंथी उग्रवाद से मुक्त करने के लिए कई अचीवमेंट हुए हैं, 2022 में 1 साल ऐसा आया कि जिसमें चार दशक में पहली बार मृत्यु की संख्या 100 से नीचे गई। 2014 से 24 तक सबसे कम वामपंथी उग्रवाद की घटना दर्ज की गई। टॉप-14 नक्सली लीडर को न्यूट्रलाइज किया गया है। नक्सल प्रभावित जिलों में भारत सरकार और छत्तीसगढ़ सरकार की सभी योजना का सौ फीसदी काम हो इसे लेकर बैठक में चर्चा हुई। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में इंफ्रास्ट्रक्चर के जो प्रोजेक्ट है उसकी प्रगति और प्रगति के रास्ते में जो अड़चन है इसको दूर करने के लिए हमने मीटिंग की है। भारत सरकार बस्तर से बीजापुर और दंतेवाड़ा से लेकर धमतरी तक कुरुक्षेत्र के विकास के लिए कटिबद्ध है। पहली बैठक इंटरस्टेट कोऑर्डिनेशन की हुई। इसमें छत्तीसगढ़ के साथ झारखंड, ओडिशा, मध्यप्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र के अफसरों ने प्रदेश में नक्सल स्थिति का ब्योरा दिया। वहीं दूसरी बैठक छत्तीसगढ़ को लेकर की गई। दूसरी बैठक छत्तीसगढ़ के वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र में सुरक्षा और विकास की योजनाओं पर शाह ने बात की। नियद नेल्लानार योजना पर छत्तीसगढ़ के अब तक किए कामों की जानकारी प्रदेश के गृहमंत्री विजय शर्मा ने दी।

छत्तीसगढ़ सरकार को सराहा

अमित शाह ने नक्सलवाद के विरोध में किए जा रहे बेहतर कार्य के लिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और प्रदेश के गृहमंत्री विजय शर्मा की तारीफ की है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और डिप्टी सीएम विजय शर्मा को धन्यवाद देता हूं कि नक्सल मामले में बड़ी कामयाबी मिली है। बड़ी संख्या में नक्सली न्यूट्रालाइज किया गया। नए कैंप खुले। हिड्मा के गांव में जाकर डिप्टी सीएम ग्रामीणों को आधार कार्ड देता है तो यह सब देखकर दिल्ली में हमे सुकून मिलता है। प्रेसवार्ता के दौरान हिड्मा के गांव जाने के सवाल पर गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि राज्य के गृहमंत्री अगर मुझे लेकर जाएंगे तो मैं चला जाऊंगा। गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि सुकमा के छह गांवों में आजादी के बाद पहली बार आदिवासियों ने मतदान का इस्तेमाल किया है। आज सुरक्षा बलों के जवाब सुरक्षा मुहैया कराने के साथ साथ क्षेत्र के विकास के लिए भी योगदान दे रहे हैं। गृहमंत्री शाह ने कहा कि बस्तर में 1500 से ज़्यादा मोबाइल टावर लगाकर कनेक्टिविटी देने का काम किया है। सडक़ों की कनेक्टिविटी को बेहतर किया गया है। हर तीन किलोमीटर में एक डाकघर खोला गया है। बैंक, एटीएम जैसी सुविधाएँ पहली बार अंदरूनी इलाक़ों में पहुंचा है। कौशल विकास के लिए आईटीआई खोले गये हैं। 164 एकलव्य विद्यालय खोले गये हैं। गृहमंत्री शाह ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद की वजह से जो लोग निरक्षर रह गये हैं उन्हें साक्षर बनाने राज्य सरकार और केंद्र सरकार पहल करेगी।

इन जिलों में अधिक एक्टिव हैं नक्सली

छत्तीसगढ़: बीजापुर, दंतेवाडा, धमतरी, गरियाबंद, कांकेर, कोंडागांव, महासमुंद, नारायणपुर, राजनांदगांव, मोहल्ला मानपुर, आबगढ़ चौकी, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई, सुकमा, कबीरधाम और मुंगेली जिले हैं।

ओडिशा: कालाहांडी, कंधमाल, बोलांगीर, मलकानगिरी, नबरंगपुर, नुआपाड़ा और रायगढ़ नक्सल प्रभावित जिलों में शामिल है।

झारखंड: पांच जिले गिरिडीह, गुमला, लातेहार, लोहरदगा और पश्चिमी सिंहभूमि इसमें शामिल हैं।

आंध्रप्रदेश: अल्लूरी सीतारमा राजू, पूर्वी गोदावरी, पार्वतीपुरम मान्यम, श्रीकाकुलम और विशाखापत्तनम जिले शामिल हैं।

मध्यप्रदेश: बालाघाट,मंडला जिले और डिंडोरी जिले में नक्सलियों का प्रभाव दिखता है।

केरल: वायनाड़ और कुन्नूर, महाराष्ट्र में गढ़चिरौली और गोंदिया, तेलंगाना में भाद्राद्री-कोथागुड़ेम और मुगुलू जिलों में नक्सलियों का दबदबा है।

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