पेरिस। भारत ने पेरिस ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल मैच में स्पेन को 2-1 से हराकर पदक अपने नाम किया है. भारत के लिए इस मैच में दोनों गोल हरमनप्रीत सिंह ने किए. जबकि स्पेन के लिए एक गोल मार्को मारिलेस ने किया. भारतीय हॉकी के इतिहास में ऐसा 52 साल बाद ऐसा हुआ है, जब टीम इंडिया ओलंपिक में लगातार दो मेडल जीत पाई है. भारत ने पेरिस ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल मैच में स्पेन को 2-1 से हराकर पदक अपने नाम किया है. भारत के लिए इस मैच में दोनों गोल हरमनप्रीत सिंह ने किए. जबकि स्पेन के लिए एक गोल मार्को मारिलेस ने किया।
भारतीय हॉकी के इतिहास में ऐसा 50 साल बाद ऐसा हुआ है, जब टीम इंडिया ओलंपिक में लगातार दो मेडल जीत पाई है. यह ओलंपिक में भारतीय हॉकी के लिए 13वां मेडल है. इस मैच में पहले क्वार्टर में कोई भी टीम अपने लिए पेनाल्टी कॉर्नर का मौका नहीं बना पाई. हालांकि इस क्वार्टर के शुरुआती मिनटों में सुखजीत ने फील्ड गोल करने का सुनहरा मौका गंवा दिया. एक मामूली एंगल के साथ उनकी गेंद गोल पोस्ट के बराबर से निकल गई।
इसके बाद, दूसरे क्वार्टर में स्पेन को केवल तीन मिनट बाद ही पेनल्टी स्ट्रोक दिया गया, जिसको मार्क मिरालेस ने गोल में तब्दील करके अपनी टीम को 1-0 से आगे कर दिया. हालांकि, दूसरे क्वार्टर में भी भारतीय टीम ने गोल करने का एक और मौका गंवाया, जब हार्दिक जरमनप्रीत के शॉट को गोलपोस्ट में भेजने से चूक गए. इस क्वार्टर में भारत ने अंतिम मिनट में पेनल्टी कॉर्नर को गोल में तब्दील करके स्कोर को 1-1 से बराबर कर दिया. यह गोल भारतीय टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने किया।
तीसरे क्वार्टर में हरमनप्रीत सिंह एक बार फिर भारत के लिए गोल करने वाले खिलाड़ी बने, जिन्होंने इस क्वार्टर में 12 मिनट शेष रहते हुए एक और पेनल्टी कॉर्नर को गोल में तब्दील कर दिया. इसके साथ ही भारत की बढ़त 2-1 हो गई. इसके तुरंत बाद भारत को एक और पेनल्टी कॉर्नर मिला, लेकिन इस बार यह गोल में तब्दील नहीं हो पाया. चौथे क्वार्टर में स्पेन की टीम ने वापसी की काफी कोशिश की और उनको अंतिम मिनट में लगातार दो पेनल्टी कॉर्नर भी मिले, लेकिन भारतीय डिफेंस ने बढ़िया काम करते हुए कोई गोल नहीं होने दिया।