नई दिल्ली । देश के सभी हिस्सों में मानसून जमकर सक्रिय है। राजस्थान के टोंक में टोरडी सागर डैम ओवरफ्लो होने से मंगलवार सुबह एक बस बांध के तेज बहाव में बह गई। ड्राइवर लापता है। बस में यात्री नहीं थे। जैसलमेर में सोनार फोर्ट की एक दीवार ढह गई। पिछले 36 घंटे में 11 लोगों की मौत हुई है। हिमाचल प्रदेश में लैंडस्लाइड और बाढ़ के कारण 87 सडक़ें बंद हैं। राज्य में 6,7 और 8 अगस्त को भारी बारिश का अलर्ट है। शिमला के रामपुर के पास समेज गांव में रेस्क्यू और सर्च ऑपरेशन जारी है। कुल्लू, मंडी और शिमला में बादल फटने से अचानक आई बाढ़ में 13 लोगों की मौत हुई थी। 40 लोग लापता हैं। वहीं देशभर में पिछले 24 घंटे के अंदर 87 लोगों की बाढ़, बारिश और लैंडस्लाइड से जान गई है।
उत्तराखंड में 17 हजार का रेस्क्यू
भारी बारिश के कारण लैंड स्लाइड और बाढ़ प्रभावित 17 हजार लोगों का रेस्क्यू किया गया है। इनमें केदारनाथ यात्रा में फंसे तीर्थयात्री भी शामिल हैं। अब प्रभावित इलाकों में क्षतिग्रस्त पुल, बिजली के खंबे और कम्युनिकेशन लाइनों को ठीक करने का काम जारी है। अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है, इनमें 2 की मौत यात्रा मार्ग पर हुई है। महाराष्ट्र के पुणे जिले में भी बाढ़ से हालात खराब हैं। खडक़वासला डैम से पानी छोड़े जाने के बाद मुथा नदी उफान है। इसके कारण एकता नगर में पानी भर गया है।
मप्र में 24.4 इंच पानी गिरा
मप्र में मानसून की एंट्री से अब तक 45 दिन में औसत 24.4 इंच बारिश हो चुकी है, जो सीजन की 65 प्रतिशत है। भोपाल, मंडला, सिवनी, नर्मदापुरम समेत 7 जिलों में 30 इंच से ज्यादा पानी गिर चुका है। राज्य में अगले एक सप्ताह भारी बारिश का दौर थमा रहेगा। प्रदेश से ऊपर मानसून ट्रफ के निकलने और साइक्लोनिक सर्कुलेशन के कमजोर होने से ऐसा होगा।