नई दिल्ली। बीजेपी सांसद घनश्याम तिवाड़ी के राज्यसभा में दिए बयान के बाद कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भावुक होकर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि इस माहौल में वह और नहीं जीना चाहते हैं। राज्यसभा में एक दिन तिवाड़ी ने खड़गे के नाम और राजनीतिक सफर को लेकर एक टिप्पणी की। इसे खड़गे ने सदन में उठाया और कहा कि वह इस टिप्पणी से आहत हैं।

परिवारवाद के आरोपों पर खड़गे ने कहा कि वह अपने परिवार से राजनीति में आने वाले पहले शख्स हैं। उन्होंने ये भी कहा है कि उनकी मां की बहुत कम उम्र में मौत हो गई थी, इसलिए उनका पालन पोषण उनके पिता ने ही किया है। इस दौरान खड़गे का गला भर आया। उन्होंने पिता का जिक्र करते हुए कहा कि अपने पिता की वजह से ही वह यहां तक पहुंच पाए हैं और 85 साल की उम्र में वह भी दुनिया छोड़कर चले गए।

इस पर सभापति ने खड़गे की लंबी उम्र की कामना करते हुए कहा कि हम कामना करते हैं कि आप 95 साल तक जिएं, जिसे लेकर खड़गे ने कहा कि इस माहौल में वह और जीना नहीं चाहते हैं।

खड़गे ने बीजेपी सांसद तिवाड़ी के एक और बयान पर भी एतराज जताया। उन्होंने कहा कि वह छात्र राजनीति करते हुए यहां तक पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि तिवाड़ी को मेरे नाम से क्या दिक्कत है और उनके माता पिता ने उनका नाम बहुत सोच समझकर रखा था। उनके पिता चाहते थे कि उनके पुत्र का नाम 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक हो। परिवारवाद के आरोपों पर खड़गे ने कहा कि सदन में उनके इर्दगिर्द परिवारवाद के कई उदाहरण वह गिना सकते हैं।

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