नई दिल्ली। भारतीय निशानेबाज मनु भाकर ने हाल ही में एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि भगवद्गीता ने उन्हें पदक जीतने में मदद की है। उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा, “मैंने भगवद्गीता को काफी पढ़ा है और इस महान ग्रंथ से मैंने बहुत कुछ सीखा है।”
गीता के उपदेशों ने दिया हौसला
पदक जीतने के बाद मनु भाकर ने अपने बयान में बताया कि वह रोजाना भगवद्गीता पढ़ती थीं। फाइनल मैच के दौरान जब वह निशाना लगा रही थीं, तब उनके दिमाग में गीता के उपदेश चल रहे थे। उन्होंने कहा, “गीता में कहा गया है, ‘परिणाम की चिंता मत करो, अपने कर्म पर ध्यान दो।’ मैंने यही सोचकर निशाना लगाया।”
खेल में मानसिक शक्ति का महत्व
मनु भाकर का यह बयान दर्शाता है कि खेल में शारीरिक प्रशिक्षण के साथ मानसिक शक्ति का भी कितना महत्व है। भगवद्गीता के उपदेशों ने उन्हें मानसिक मजबूती दी और उन्होंने अपने प्रदर्शन पर ध्यान केंद्रित किया।
युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा
मनु भाकर का यह अनुभव युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा बन सकता है। उनकी कहानी यह बताती है कि आत्मविश्वास और मानसिक दृढ़ता के साथ किसी भी चुनौती का सामना किया जा सकता है।