भुवनेश्वर । ओडिशा के पूरी में रविवार से जगन्नाथ यात्रा की शुरुआत हो गई है। इस दौरान एक घटना घटी जिसमें भगवान जगन्नाथ की रथ खींचने के दौरान भगदड़ मच गई। जिसमें एक श्रद्धालु की मौत हो गई, जबकि 15 लोग घायल हो गए। घायलों को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनमें ज्यादातर लोगों को मामूली चोटें आईं थी उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। गंभीर रूप से घायलों का उपचार जारी है। मृतक की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है। बताया जा रहा है कि वह ओडिशा से बाहर का रहने वाला था।
जानकारी के मुताबिक यह दुर्घटना भगवान बलभद्र का रथ खींचने के दौरान हुई। रथ खींचने समय एक व्यक्ति जमीन पर गिर गया और बाद में उसकी मृत्यु हो गई। घटना के बाद वहां भगदड़ मच गई, जिससे 15 लोग घायल हो गए। इस बीच, ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने मृतक के परिजन को चार लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है।
बता दें हर साल जगन्नाथ रथ यात्रा में लाखों श्रद्धालु आते हैं। इस दिन भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा अपनी मौसी गुंडिचा के मंदिर की यात्रा पर निकलते हैं। धार्मिक मान्यता है कि पुरी में अनेक प्रकार के व्यंजन खाने के बाद जगन्नाथ बीमार पड़ जाते हैं, लेकिन स्नान पूर्णिमा पर स्नान करने के बाद वह ठीक हो जाते हैं और रथ यात्रा पर सवार होकर अपने भाई-बहनों के साथ अपनी मौसी के पास जाते हैं।
रथ यात्रा शुरू होने से पहले की रस्में रविवार को ही पूरी कर ली गई थीं। दोपहर 2.30 बजे जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा अपने-अपने रथों पर सवार हुए। भगवान को सामान्य समय से दो घंटे पहले जगाया और मंगला आरती सुबह चार बजे के बजाय दो बजे की गई। मंगला आरती के बाद 2.30 बजे दशावतार पूजा की गई। दोपहर 3 बजे नैत्रोत्सव मनाया और शाम 4 बजे पुरी के राजा ने पूजा की। सुबह 5.10 बजे सूर्य पूजा की गई। 5.30 बजे द्वारपाल पूजा हुई। सुबह 7 बजे भगवान को खिचड़ी का भोग-प्रसाद अर्पित किया। उल्लेखनीय है कि 53 सालों के बाद ऐसा हुआ है कि नबाजौबन दर्शन, नेत्र उत्सव और रथ यात्रा एक ही दिन आयोजित किए गए।