नई दिल्ली । राष्ट्रपति के अभिभाषण पर सोमवार को विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने लगभग 100 मिनट का भाषण दिया था। इस भाषण पर लोकसभा अध्यक्ष की कैंची चल गई है। लोकसभा की कार्रवाई से कई अंशो को हटा दिया गया है।

राहुल गांधी के भाषण के जिन अंशों को हटाया गया है। उनमें जब मैं पीएम मोदी की ओर देखता हूं,वह मुस्कुराते नहीं है, इसे हटा दिया गया है। अंबानी और अडानी के अंश को भी राहुल गांधी के बयान से हटा दिया गया है। अल्पसंख्यकों के साथ भाजपा के द्वारा अनुचित व्यवहार किए जाने संबंधी बयान को भाषण से हटा दिया गया है। हिंदुओं और हिंसा पर किए गए राहुल गांधी के बयान के कई अंशों को भी संसद की कार्रवाई से हटाया गया है। राहुल गांधी ने अपने भाषण में कोटा में पूरी परीक्षा सेंट्रलाइज है, अमीरों को फायदा पहुंचाने के लिए है। इसके अंश भी संसद की कार्यवाही से हटा दिया गया है। राहुल गांधी के बयान जिसमें अग्निवीर सेना की नहीं बल्कि पीएम की योजना है। भाजपा 24 घंटे नफरत और हिंसा फैलाती है, इस अंश को भी कार्रवाई से हटा दिया गया है।

सोमवार को संसद में राहुल गांधी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर दिए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर विपक्ष की ओर से चर्चा की, शुरुआत की। उन्होंने सत्ता पक्ष के ऊपर जमकर प्रहार किए थे। उन्होंने दावा किया था, हिंसा फैलाने वाले लोग हिंदू नहीं हो सकते हैं। सत्ता पक्ष के सदस्यों द्वारा सदन में भारी विरोध जताया गया था। जब राहुल गांधी भाषण दे रहे थे। उस समय सरकार के बचाव में गृहमंत्री अमित शाह, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजजू,पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा के मंत्रियों और सांसदों ने समय-समय पर राहुल गांधी के बयान का विरोध करते हुए सरकार का बचाव करने का प्रयास किया।

नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के भाषण, के महत्वपूर्ण अंशों को संसद की कार्रवाई से हटा दिए जाने पर,निश्चित रूप से विपक्ष अपना विरोध जताएगा। राष्ट्रपति के अभिभाषण में जिस तरह से राहुल गांधी ने सरकार को घेरने के लिए हिन्दू और नफरत को निशाने पर लिया। नीट के मामले को लेकर हमला किया। उसके बाद सत्ता पक्ष बार-बार बचाव और आक्रामक मुद्रा पर दिखा। यह कहा जा रहा है, राहुल गांधी के भाषण ने संसद के अंदर और संसद के बाहर हंगामा मचा दिया है। इसकी बड़ी तीव्र प्रतिक्रिया हुई है। राहुल गांधी ने सदन के अंदर जो कहा था, वह सारे देश में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और डिजिटल मीडिया के माध्यम से देशभर में बड़ी तेजी के साथ फैल गया। लोकसभा की कार्रवाई से जो अंश हटाए गए हैं। उसको लेकर भविष्य में विपक्ष अपनी रणनीति तैयार करने की बात कह रहा है। विपक्ष द्वारा कहा जा रहा है, मनमाने तरीके से अंश को संसद की कार्यवाही से हटाना उचित नहीं है। यदि कोई आपत्तिजनक बात राहुल गांधी द्वारा की गई है। उसे ही हटाया जाना चाहिए। अभी जो अंश सरकार को पसंद नहीं आते है। आपत्तिजनक नहीं होते हुए भी उन्हें हटा दिया जाता है। इसका विपक्ष विरोध करेगा।

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