ग्वालियर, 18 सितंबर। शहर में पूर्व सीएम कमलनाथ का दौरा दोनों पार्टियों में दम-खम दिखाने की प्रतियोगिता बन गया। शुक्रवार को उनके स्वागत में स्थानीय दिग्गजों ने एयरपोर्ट से महारानी लक्ष्मीबाई के समाधि-स्थल तक भीड़ जुटा कर सड़कों को जाम कर दिया, सारे शहर को होर्डिंग्स-बैनरों से पाट दिया। उधर ‘झूठ बोलेकौआ काटे’ अभियान के साथ विरोध में उतरे भारतीय जनता युवा मोर्चा(भाजयुमो) ने उन्हें काले झंडे दिखाने के लिए भारी पुलिस बल और बेरिकेडिंग की बाधाओं को तोड़ डाला और शहर की सड़कों पर भाजयुमों कार्यकर्ताओं का हुज़म पसरा हुआ नज़र आया।

आखिरकार मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ग्वालियर पहुंच ही गए। उनका दौरों की प्रतीक्षा करीब एक महीने से की जा रही थी। ग्वालियर-चंबल इलाके से सिंधिया और उनके साथ भाजपा में आए विधायकों की सक्रियता से कांग्रेस उप चुनाव में जीत के अभियान में पिछड़ने लगी थी। किंतु भाजपा के ज़मीनी नेता डॉ.सतीश सिकरवार के कांग्रेस में आजाने से पार्टी कार्यकर्ताओं की निष्क्रियता समाप्त हो गई। हाल ही में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर से हुई झूमाझटकी के बाद से भाजपा कार्यकर्ता राजनीतिक हिसाब चुकता करने की तैयारियों में जुटे थे। कमलनाथ के ग्वालियर दौरे ने वह मौका उपलब्ध करा दिया।

भाजयुमो के ‘झुठ बोले कौआ काटे’ अभियान के तहत कार्यकर्ताओं का हुज़म जुटा हुआ था, लेकिन पुलिस ने भी किसी अनहोनी को रोकने के लिए व्यवस्था की हुई थी। पुलिस ने भाजयुमों की भीड़ को पड़ाव चौराहे पर ही बेरिकेड लगा कर रोक लिया। थोड़ी देर तक नारेबाजी करती रही भीड़ का सब्र आखिर टीटा और बेरिकेड गिराकर कर भीड़ सड़कों पर दौड़ पड़ी। कमलनाथ के विरोध में जमकर नारेवाजी की और कमलनाथ वापस जाओ के नारे लगाए। अनियंत्रित भाजयुमों कार्कर्ताओं ने कमलनाथ के स्वागत में लगे पोस्टर और होर्डिंग्स फाड़ डाले। इस दौरान भाजयुमो-कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने मामने-सामने जमकर एक दूसरे के विरुद्ध नारेबाजी की। गौरतलब है कि आज ग्वालियर में पूर्व सीएम कमलनाथ आये और लक्ष्मी बाई समाधि के सामने उनकी सभा होनी है।

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