बीजिंग । चीन के वेनिस नाम की यह परियोजना पूरी तरह से फ्लॉप साबित हुई क्योंकि इसके अधिकांश हिस्से निर्जन और बेजान से लगते हैं। चीन के उत्तर-पूर्वी लियाओनिंग प्रांत के बंदरगाह शहर डालियान के पास छोटा सा वेनिस बनाने का मकसद यूरोपीय शैली की वास्तुकला और संस्कृति को शामिल करना था, जहां चीनी नागरिकों को इटली का आनंद लेने के लिए दूर की यात्रा नहीं करनी पड़ेगी।
इसे बनने में चार साल लगे लेकिन उम्मीद के खिलाफ भीड़ को आकर्षित करने और प्रदूषण को कम करने में सक्षम होने के बजाय, ‘तैरता हुआ शहर’ एक बेजान और सूखी सी जगह बनकर रह गया है। यहां उम्मीद के मुताबिक उतनी भीड़ दिखाई नहीं देती है। आधी-अधूरी इमारतों और विरल सड़कों से, पूर्वी-एशियाई देश के वेनिस के प्रयास के नए फुटेज देख कर ऐसा लगता है कि यह पर्यटकों के लिए एक आकर्षक स्थान नहीं है। पस्टिक्स एंड ट्रेन्स के तहत पोस्ट करने वाले एक ट्रैवल ब्लॉगर ने “लिटिल वेनिस” पहुंचने पर अपने ‘हैरान’ होने की बात स्वीकार की। डालियान में असामान्य साइट से आकर्षित होने के बावजूद, यह नयापन जल्दी ही फीका पड़ गया लगता है। ब्लागर का कहना है कि यह वास्तव में मृत है। यह उजाड़ है। सब कुछ बंद है। बहुत सारी इमारतें हैं। हर जगह इस तरह इमारतें मिल जाएंगी, लेकिन ऐसा लगता है कि वास्तव में कुछ भी उपयोग नहीं किया जा रहा है। इस आकर्षण को पहली बार 2015 में जनता के लिए खोला गया था और इसमें चार किलोमीटर की मानव निर्मित नहर है।
ऐसा कहा जाता है कि डेवलपर्स को भारी यातायात प्रवाह के कारण होने वाले वायु प्रदूषण को कम करने की उम्मीद थी। लेकिन यह कई जगह पर सूखी भी है। वहीं कुछ इलाके, जिनमें एक चर्च भी शामिल है, वाकई हैरान भी करते हैं। बता दें कि कम लोग जानते हैं कि चीन अपने ही देश में दुनिया की कुछ खास टूरिस्ट प्लेस की नकल बना रहा है जिससे उसका टूरिज्म बढ़ सके। इसी वजह से वहां 507 मिलियन पाउंड यानी, 53 अरब 82 करोड़ 73 लाख रुपयों का ‘नकली’ इटली पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनने के लिए बनाया गया था। अब बताया जाता है कि यह ‘सड़ते हुए भूतहा शहर’ में तब्दील हो गया है।