नई दिल्ली । दो माह तक चला लोकसभा चुनाव 2024 समाप्त हो गया और नई सरकार का फैसला हो गया। सबसे बड़ी बात यह कि भारत का लोकसभा चुनाव दुनिया का सबसे महंगा इलेक्शन बन गया है। इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि साल 2024 में चुनाव पर हुआ कुल खर्च 2019 के मुकाबले करीब दोगुना से भी ज्यादा पहुंच गया है। इतना कि अमेरिकी चुनाव भी इसके आगे फीका पड़ गया और भारत सबसे महंगा चुनाव कराने वाला देश बन गया है।
गैर लाभकारी संस्था सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज ने अनुमान लगाया है कि इस बार आम चुनाव में करीब 1.35 लाख करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में कुल खर्च 55 से 60 हजार करोड़ रुपये रहा था। इस तरह देखा जाए तब इस बार दोगुने से भी ज्यादा पैसा चुनाव में खर्च किया गया है। अमेरिका ने भी साल 2020 में हुए राष्ट्रपति चुनाव में करीब 1.20 लाख करोड़ रुपये ही खर्च किए थे। इस लिहाज से भारत का लोकसभा चुनाव अमेरिका से भी महंगा हो गया है। इस बार के लोकसभा चुनाव में सिर्फ 3 राजनीतिक दलों भाजपा, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) का खर्च ही 1 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। वहीं, कुल चुनावी खर्च 1.35 लाख करोड़ के आसपास रहने का अनुमान है। पिछले लोकसभा चुनाव में हुए कुल खर्च का करीब 45 फीसदी सिर्फ भाजपा ने किया था। देश में मतदाताओं की संख्या करीब 96.6 करोड़ है। इस लिहाज से देखा जाए तब चुनाव में हुए कुल खर्च के सापेक्ष एक वोट की कीमत करीब 1,400 रुपये होगी। पिछले लोकसभा चुनाव में एक वोट की कीमत 700 रुपये रही थी। इस हिसाब से एक वोट की कीमत में मध्य वर्गीय परिवार का महीनेभर का राशन आ जाएगा। भारत चावल 29 रुपये किलो है और भारत आटा 27.50 प्रति किलोग्राम है। चुनाव आयोग के अनुसार, लोकसभा चुनाव लड़ने वाला हर कैंडीडेट अधिकतम 95 लाख रुपये खर्च कर सकता है, जबकि विधानसभा चुनाव के लिए खर्च की लिमिट अधिकतम 40 लाख रुपये है। अरुणाचल प्रदेश जैसे छोटे राज्यों में तो यह लिमिट सांसद के लिए 75 लाख और विधायकों के लिए 28 लाख रुपये ही रखी गई है।