अपने गुरू को या बड़े के पैर छूना उन्हें सम्मान देना हमारी परंपरा है …
दिल्ली : लोकतंत्र का महापर्व यानी आम चुनाव अपने आखिरी चरण में है. आखिरी दौर की वोटिंग से पहले नेताओं से लेकर मतदाताओं में गजब का उत्साह और उमंग है। चुनावी प्रचार की फिजा ही अलग है. सियासत के सतरंगी माहौल में बहुत कुछ देखने को मिल रहा है. इस बीच पीएम मोदी की एक तस्वीर लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच रही है. यह तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल होने के साथ बहुत कुछ कह रही है. इस फोटो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक महिला के आगे नतमस्तर होकर उनके पैर छू रहे हैं. बीजेपी ने बुधवार की रात पौने बारह बजे करीब अपने ट्विटर हैंडल पर – ‘सेवक हूं, बेटा हूं…’ कैप्शन के साथ ये फोटो पोस्ट की।
चुनाव हो या न हो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समय समय पर ‘नारी वंदन’ और ‘नारी अभिनंदन’ का नारा बुलंद करके महिला सशक्तिकरण अभियान को सफल बनाने की बात करते हैं. पीएम मोदी खुद मातृभक्त हैं. वो शक्ति के उपासक हैं. समय समय पर देशवासियों ने सोशल मीडिया पर ‘मोदी, मां और मातृभक्ति’ की कई मिसालें और तस्वीरें देखी होंगी. उनका मानना है कि देश में चार सबसे बड़ी जातियां है- महिलाएं, युवा, गरीब और किसान. यहां भी वो महिलाओं को पहला स्थान देते हैं.
2014 हो या 2019 देश की आधी आबादी यानी महिलाओं ने प्रधानमंत्री मोदी को अपना भरपूर समर्थन दिया है. गुजरात की सरकार के मुखिया से लेकर केंद्र सरकार में प्रधानसेवक बनने तक उन्होंने सरकारी योजनाओं के जरिए महिलाओं को उनका हक दिलाने की बात की है. बीते कई दशकों के उनके ट्रैक रिकॉर्ड को देखें तो आधी आबादी के प्रति उनकी भूमिका एक बेटे और भाई की तरह रही है. शायद यही वजह है कि केंद्र सरकार की अधिकांश योजनाओं में लाभार्थी महिलाएं ही दिखती हैं. ‘लखपति दीदी’ हों या ‘ड्रोन दीदी’ ऐसी कई कल्याणकारी योजनाओं के केंद्र में महिलाएं ही हैं.
पीएम मोदी कई बार कह चुके हैं कि भारतीयों के संस्कार हमारी संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है. छोटे हों या बड़े यूं तो प्रधानमंत्री सबका आदर सम्मान करते हैं. अपने एक भाषण में उन्होंने ये कहा था- ‘बुजुर्ग हमारे समाज की धरोहर हैं. उनका आदर-सम्मान करना हम सबकी जिम्मेदारी है. क्योंकि बुजुर्गों के अनुभव, मार्गदर्शन और आशीर्वाद से हमें जीवन में सही दिशा और सीख मिलती है.’
कब कब महिलाओं के आगे झुके मोदी
कुछ दिन पहले ओडिशा की एक चुनावी रैली में पीएम मोदी दो बुजुर्ग महिलाओं से मुलाकात के दौरान भावुक हो गए थे. उस समय पीएम मोदी दो बुजुर्ग महिलाओं- आदिवासी कवि पूर्णमासी जानी और तुला बेहरा के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया था. उस दौरान मोदी ने उन्हें मां कहकर संबोधित किया था।
इसके बाद पूर्णमासी ने उन्हें आशीर्वाद देते हुए कहा था – ‘देश के लिए अच्छा काम कर रहे हो. हम सबके लिए अपना आराम त्याग दिया. भगवान तुम्हें हमेशा स्वस्थ्य रखे ताकि देशवासियों की सेवा करने के लिए यूं ही उत्साहित रहो.’
गौरतलब है कि 1944 में जन्मीं पूर्णमासी ने आदिवासी भाषा में 50,000 कविताएं लिखी हैं. उन्हें 2021 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था. उनकी बातचीत का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था.
इससे पहले आठ मार्च 2024 को भारत मंडपम में जब कंटेट क्रिएटर जान्हवी सिंह को हेरिटेज फैशन आइकन अवार्ड दिया गया तब उन्होंने पीएम मोदी का पैर छूकर उनका आशीर्वाद लेने की कोशिश की तब उन्होंने बड़ी विनम्रता से उन्हे रोकते हुए खुद उनके आगे झुक गए थे.
तब प्रधानमंत्री ने कहा था कि राजनीति के क्षेत्र में पैर छूना एक परंपरा बन गई है, हालांकि कला के क्षेत्र में अपने गुरू को या बड़े को सम्मान देने के लिए उनके पैर छूना अलग बात है. उन्होंने ये भी कहा था कि वो राजनीति में होने के कारण इस चलन से परेशान हैं।