दिल्ली : ज्योतिषशास्त्र के अनुसार सूर्य शनिवार 25 मई को सुबह 03:15 मिनट पर रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे. इसके बाद 2 जून रविवार तक नौ (9 )दिन का नौतपा रहेगा. इसके साथ ही सूर्य देव 8 जून शनिवार को 1:04 मिनट तक रोहिणी नक्षत्र में रहेंगे, जिससे इन दिनों गर्मी प्रचंड रहेगी व पारा 48 डिग्री के पार कर सकता है।
मान्यता है कि सूर्य की गर्मी और रोहिणी नक्षत्र (जिसका स्वामी चंद्र है) के जल तत्व के कारण यह मानसून का (9 दिन मे) गर्भ आ जाता है और इसी कारण नौतपा को मानसून का गर्भकाल माना जाता है. ऐसे में जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में होता है तो उस समय चंद्रमा नौ नक्षत्रों में भ्रमण करते हैं।
लोक मान्यता है कि अगर नौतपा के सभी 9 दिन पूरे तपें, तो आगे के दिनों में अच्छी बारिश होती है। ज्योतिषों का कहना है कि चंद्रमा जब ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष में आर्द्रा से स्वाति नक्षत्र तक अपनी स्थितियों में हो और अधिक गर्मी पड़े, तो वह नौतपा अच्छा कहलाता है. वहीं अगर सूर्य रोहिणी नक्षत्र में होता है और उस दौरान अगर बारिश हो जाती है तो इसे रोहिणी नक्षत्र का गलना (गर्भपात) भी कहा जाता है।
देश में गर्मी अब अपना प्रचंड रूप दिखाने लगी है. कुछ राज्यों में बेमौसम बारिश से लोगों को राहत मिली है, लेकिन ये राहत ज्यादा समय के लिए नहीं है, क्योंकि इस बार मई माह में नौतपा शुरू हो जाएगा. इन 9 दिनों की अवधि में सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी काफी कम हो जाएगी और इस कारण सूर्यदेव की तपिश काफी ज्यादा महसूस होगी. जिससे इन दिनों गर्मी प्रचंड रहेगी व पारा 48 डिग्री के पार कर सकता है। 8 जून शनिवार को1:05 मिनट सेही सूर्य देव मृगशिरा नक्षत्र में प्रवेश कर जायेंगे जो भारत मै मानसून की शुरुआत होती है।
नौतपा में इन बातों का रखें ध्यान –
नौतपा के दौरान ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं. ताकि शरीर में किसी तरह की परेशानी न हो. साथ ही राहगीरों और जरूरतमंदों को जल पिलाना चाहिए. मान्यता है कि यह एक प्रकार का पुण्य का कार्य है।.
गर्भवती महिलाए ,बिमार परिजन का खास ख्याल रखे ।
इसके अलावा मान्यता यह भी है कि नौतपा के दौरान प्यासे को जल पिलाने से भगवान सूर्य की कृपा प्राप्त होती है।
नौतपा के दौरान सूर्य देव की उपासना करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है. साथ ही समाज में मान-सम्मान भी बढ़ता है।
यदि आप आपकी कुंडली में सूर्य की स्थिति कमजोर है उसको मजबूत करना चाहते हैं तो नौतपा के दौरान रोजाना सुबह सूर्य देव की अराधना करें और अर्घ्य दें।
इसके अलावा आदित्य हृदय स्रोत का पाठ करना भी लाभकारी होता है।
अपनी सभी प्रकार की यात्रा प्रकार, सफर, बाहर जाना कम से कम 2 जुन तक टाले ।