बंगाल में भाजपा प्रत्याशी पर हमला, पार्टी ने टीएमसी पर आरोप लगाया, कांटे की टक्कर में फंसे दिग्गज
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के छठे फेज में शनिवार को 7 राज्यों और 1 केंद्र शासित प्रदेश की 58 सीटों पर मतदान संपन्न हो गया। चुनाव आयोग के मुताबिक, शनिवार को 58 सीटों पर दोपहर 5 बजे तक 57.70 प्रतिशत वोटिंग हुई है। सबसे ज्यादा पश्चिम बंगाल में 77.99 प्रतिशत और सबसे कम जम्मू-कश्मीर में 51.35 प्रतिशत मतदान हुआ। इसके साथ ही भाजपा के वरिष्ठ नेता धर्मेन्द्र प्रधान, मेनका गांधी, मनोहर लाल खट्टर, संबित पात्रा, बांसुरी स्वराज, मनोज तिवारी, कांग्रेस के दीपेंद्र सिंह हुड्डा, कुमारी सैल्जा, राज बब्बर, कन्हैया कुमार, सपा के नेता धर्मेंद्र यादव और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती जैसे दिग्गज नेताओं का भविष्य ईवीएम में कैद हो गया है। लगभग हर दिग्गज नता की सीट पर कांटे की टक्कर है। जिसमें दिग्गज नेता फंस गए हैं।
छह फेज में 487 सीटों पर मतदान हो चुका है। 1 जून को आखिरी 56 सीटों पर वोटिंग होगी। पश्चिम बंगाल के झारग्राम से भाजपा उम्मीदवार प्रणंत टुडू पर हमला हुआ। पत्थर लगने से उनका सुरक्षाकर्मी घायल हो गया। मतदाताओं को धमकाए जाने की शिकायत मिलने के बाद टुडू गरबेटा में एक बूथ का दौरा कर रहे थे। प्रणंत टुडू की कार में भी तोडफ़ोड़ की गई है। भाजपा ने टीएमसी पर हमले का आरोप लगाया है। चुनाव आयोग ने इस पर कहा- वोटिंग शुरू होने से पहले कैंडिडेट के एजेंट साइन करते हैं। इन सेंटर्स पर टीएमसी के एजेंट मौजूद नहीं थे, इसलिए सिर्फ भाजपा एजेंट्स के साइन हैं। पश्चिम बंगाल के तमलुक में वोटिंग से पहले भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ झड़प में एक टीएमसी समर्थक घायल हो गया। यहां से कलकत्ता हाईकोर्ट के पूर्व जज भाजपा के प्रत्याशी हैं। जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग-राजौरी से पीडीपी की प्रत्याशी महबूबा मुफ्ती धरने पर बैठ गईं। उन्होंने ईवीएम के साथ छेड़छाड़ और मोबाइल फोन का आउटगोइंग कॉल बंद करने का आरोप लगाया है।
2019 में इन सीटों पर सबसे ज्यादा भाजपा 40, बसपा 4, बीजेडी 4, सपा 1, जदयू 3, टीएमसी 3, एलजेपी और आजसू ने 1-1 सीट जीती थीं। कांग्रेस और आप को एक भी सीट नहीं मिली थी।
आयोग ने जारी किया डेटा
चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव के पहले पांच चरणों में डाले गए वोटों का डेटा जारी कर दिया है। पांच चरणों का डेटा डारी करते हुए चुनाव आयोग ने कहा है कि पहले चरण में कुल कुल मिलाकर 66.14 प्रतिशत, दूसरे चरण में 66.71 प्रतिशत, तीसरे चरण में 65.68 प्रतिशत, चौथे चरण में 69.16 प्रतिशत और पांचवें चरण में 62.20 प्रतिशत मतदान हुआ है। अपनी रिपोर्ट पेश करते हुए चुनाव आयोग ने यह दावा भी किया है कि वोटों की संख्या में कोई बदलाव नहीं हुआ है। आयोग ने यह भी कहा कि चुनाव प्रक्रिया को बिगाडऩे के लिए झूठी कहानियां गढऩा एक शगल हो गया है। इससे पहले चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में लोकसभा चुनाव के प्रत्येक चरण के मतदान के बाद 48 घंटे के भीतर अपनी वेबसाइट पर मतदान डेटा अपलोड करने की मांग को अनुचित करार दिया था। दरअसल शीर्ष अदालत में यह मांग गैर सरकारी संगठन एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉम्र्स (एडीआर) ने उठाई थी। चुनाव आयोग ने तर्क दिया था कि ऐसा करने से चुनाव की स्थिति बिगड़ सकती है।