कितना होगा ताकतवार, कहा होगा लैंडफॉल इस पर संशय

नई दिल्ली । बंगाल की खाड़ी में भीषण चक्रवाती तूफान रेमल बन रहा है। तूफान के 26 मई को पश्चिम बंगाल और उससे सटे बांग्लादेश के तट पर पहुंचने की संभावना है। मौसम विभाग ने इसकी जानकारी दी। चक्रवाती तूफान के कारण बंगाल के तटीय जिलों उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना और पूर्वी मिदनापुर के कई इलाकों में भारी बारिश होगी जबकि कुछ क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। बंगाल की खाड़ी में मौजूद एक कम दबाव की प्रणाली के शुक्रवार को गहरे दबाव में परिवर्तित होने और उसके बाद अगले दिन पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक चक्रवात में बदलने की संभावना है। इसके बाद रविवार शाम तक यह एक भीषण चक्रवात के तौर पर बांग्लादेश और उससे सटे पश्चिम बंगाल के तट पर पहुंच जाएगा। मौसम विभाग ने मछुआरों को रविवार तक उत्तर बंगाल की खाड़ी में नहीं जाने की चेतावनी दी है।

चक्रवाती तूफान रेमल के आगमन को लेकर सोशल मीडिया पर कई पोस्ट किए गए। मौसम विभाग ने ईएमएस को बताया कि उत्तरी तमिलनाडु और दक्षिणी आंध्र प्रदेश के ऊपर समुद्र तल से लगभग सात किलोमीटर ऊपर कम दबाव बन गया है और यह बंगाल की खाड़ी के ऊपर उत्तर पूर्व की ओर बढ़ रहा है। इसके 25 मई की सुबह पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक चक्रवाती तूफान का रूप ले सकता है। इसके बाद यह उत्तर की ओर बढ़ेगा और 26 मई की शाम को भीषण चक्रवाती तूफान का रूप ले सकता है और बांग्लादेश और इससे सटे पश्चिम बंगाल के तट के करीब पहुंच सकता है। हालांकि कोई स्पष्ट लैंडफॉल नहीं है या यह चक्रवात कहां टकराएगा।

हालांकि, रविवार को अलीपुर मौसम विभाग की ओर से तटीय जिलों में आपदा की भविष्यवाणी की गई थी। उत्तर और दक्षिण 24 परगना और पूर्वी मेदिनीपुर में शनिवार और रविवार को बारिश होगी। तेज हवाएं चलने की भी संभावना है। चक्रवात रेमल की गति क्या होगी? यह अभी साफ नहीं हुई है। शनिवार को इन तीन जिलों में 70 से 110 मिमी बारिश होने की संभावना जाहिर की गई है। रविवार को इन तीनों जिलों में 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की भी आशंका है। कुल मिलाकर यह साफ है कि चक्रवात रेमल बनेगा। लेकिन, इसका लैंडफॉल कहां होगा? बांग्लादेश या पश्चिम बंगाल का तट, कहां इसका सबसे ज्यादा असर होगा या इसकी ताकत या कितनी होगी? यह अभी तक स्पष्ट नहीं है। ध्यान दें कि रेमल का अर्थ रेत है। यह एक अरबी शब्द है। यह नाम ओमान ने दिया है।

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