बीजिंग। ताइवान में तीन दिन पहले चीन विरोधी नेता विलियम लाई चिंग-ते के राष्ट्रपति की शपथ के बाद चीन ने गुरुवार को ताइवान को चारों तरफ से घेरकर दो दिन का युद्धाभ्यास शुरू कर दिया है। ऐसा पहली बार है जब चीन ताइवान के खिलाफ इतने बड़े पैमाने पर युद्धाभ्यास कर रहा है। इससे पहले तक वह सिर्फ ताइवान पर आर्थिक प्रतिबंध लगाता आया है। दरअसल, ताइवान में इस साल जनवरी में हुए राष्ट्रपति चुनाव से पहले चीन ने उम्मीदवार लाई चिंग ते को अलगाववादी कहा था। साथ ही ताइवानियों को चेतावनी दी थी कि अगर वे सैन्य संघर्ष से बचना चाहते हैं, तो सही विकल्प चुनें।

हालांकि, चीन की धमकी के बावजूद ताइवान में चीनी विरोधी नेता लाई चिंग-ते को जीत हासिल हुई। उनकी शपथ के बाद चीनी सेना के प्रवक्ता कर्नल ली शी ने कहा था कि ताइवानियों को इसकी सजा मिलेगी। शी ने कहा था कि चीन की थल सेना, नौसेना और वायु सेना इस संयुक्त अभ्यास से ताइवान की आजादी को बढ़ावा देने वाले अलगाववादियों को जवाब देंगे। इस अभ्यास में लड़ाकू विमान और नौसेना के कई युद्धपोत शामिल हैं।

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