

ग्वालियर, 12 सितंबर। मघ्यप्रदेश सायबर पुलिस की ग्वालियर ब्रांच ने मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनी के दो एजेंट्स (सिम डिस्ट्रीब्युटर) को गिरफ्तार किया है। दोनों एक अंतरराज्यीय सायर क्राइम नैक्सस से जुड़े हुए हैं। इनका नेटवर्क फेसबुक पर सामान बेचने के नाम पर ठगी करता था। पुलिस ने इनके कब्ज़े से 60 सिम मोबाइल और 11,000 फर्जी सिम ज़प्त की हैं। इनका गिरोह 60 मोबाइल्स के IMEI का उपयोग कर अलग-अलग सिम्स से लोगों से ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करा कर ठगी का धन पे-टीएम वॉलेट में रखते थे, ताकि कहीं बैंक खातों के डिटेल्स गैंग की पोल न खोल दें। पुलिस को वॉलेट में 1,74,000 रुपए मिले हैं
मघ्यप्रदेश सायबर पुलिस की ग्वालियर ब्रांच को कुछ शिकायतें मिलीं थी कि उनके साथ फेसबुक पर ऑनलाइन खरीद के नाम पर ठगी की गई है। इन्वेसिटिगेशन में पता चला कि ठगी के लिए उपयोग में लाई गई सिमें के पते अंचल के ही जिलों के हैं। तलाश करने पर सायबर पुलिस के हत्थे गुना में कुंभराज के संदीप साहू और रामेश्वर मीणा चढ़ गए। प्रारंभिक पूछताछ में दोनों ने बताया कि वह फर्जी नामों से सिम्स और पुराने मोबाइल्स एक अंतरराज्यीय गैंग को मुहैया कराते थे जो इनका इनका इस्तेमाल ऑनलाइन ठगी में कर रही थी। आरोपियों को जेल भेज दिया गया है। ग्वालियर जोन के एसपी सायबर क्राइम सुधीर अग्रवाल ने जानकारी दी है कि अभी आरोपपियों से विस्तृत पूछताछ की जाएगी।
कैसे देते थे आपराध को अंजाम कुंभराज कस्बे से पकड़े गए सिम डिस्ट्रीब्युटर्स ने बताया कि जिस गैंग से उनका नैक्सस है, उसमें सभी शातिर तकनीकी रूप से बहुत दक्ष हैं। वह करीब 60 IMEI और 11,0000 फर्जी सिमों के कॉम्बिनेशन्स का इस्तेमाल कर ऑनलाइन शिकार बनाते थे। इस गैंग का कोई भी सदस्य ठगी की रकम बैंक खातों में नहीं, बल्कि पे-टीएम वॉलेट जैसे वर्चुअल डिपोजिट्स में रखता था ताकि बैंक ट्रांजेक्शन के ज़रिये कोई इन्वेस्टिगेशन एजेंसी उनके गैंग की भांडा न फोड़ दे।