ग्वालियर, 12 सितंबर। हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने ग्वालियर-चंबल में चल रही राजनीतिक रैलियों और दूसरी गतिविधियों पर रोक लगाने संबंधी याचिका को मुख्यपीठ जबलपुर के सुपुर्द कर दिया है। इस संबंध में आशीष प्रताप सिंह ने याचिका पेश की थी। याचिका में अनुरोध किया गया था कि कोरोना संक्रमण काल में किसी भी प्रकार की राजनीतिक रैलियां या दूसरे आयोजन नहीं होने चाहिए।

आशीष प्रताप सिंह की याचिका में हाईकोर्ट का ध्यान आकर्षित किया गया था कि  ग्वालियर-चंबल में 22 सितंबर से लगातार राजनीतिक कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है। भाजपा के साथ ही विपक्षी कांग्रेसी भी राजनीतिक आयोजनों में पीछे नहीं है, हाल ही में संपन्न पूर्व मंत्री गोविंद सिंह की नदी बचाओ पदयात्रा इसका उदाहरण है। याचिका में आशंका जाहिर की गई है कि ऐसे में कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ सकता है, क्योंकि आयोजनों में सोशल डिस्टेंसिंग तो टूट ही रही है,  मास्क लगाने और सैनिटाइजेशन जैसे COVID-19 प्रोटोकॉल्स का भी पालन नहीं हो रहा है।

गौरतलब है कि इससे पहले ऐसी ही दो याचिकाओं पर हाईकोर्ट फैसला दे चुका है  कि किसी भी प्रकार के आयोजन COVID-19 प्रोटोकॉल्स के अनुसार ही किए जाएं। यदि कोई इसका उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ जिला प्रशासन कार्रवाई कर सकता है। मार्च महीने में ऐसी दो याचिकाओं पर हाईकोर्ट मुख्य पीठ में प्रदेश की सभी याचिकाओं की सुनवाई करने के निर्देश दे चुका था।

सुनवाई करते हुए जस्टिस शील नागू और जस्टिस राजीव कुमार श्रीवास्तव ने इस बात पर अचंभा जताया कि शुक्रवार को याचिका पेश की गई और दोपहर में यह सुनवाई में कैसे आ गई। युगलपीठ ने याचिका को मुख्यपीठ में ट्रांसफर करते हुए याचिका को इस तरह गलत तरीके से लिस्ट करने वाले क्लेरिकल स्टाफ के खिलाफ प्रिंसिपल रजिस्ट्रार को कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

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