1717 उम्मीदवार का राजनीतिक भविष्य ईवीएम में बंद…

आंध्र में विधायक-वोटर ने एक-दूसरे को थप्पड़ जड़े, वोटिंग के बीच इंदौर समेत कई जगहों पर आंधी-बारिश…

शाजापुर में मतदान केंद्र पर लगा टेंट उड़ा

चौथे चरण में सबसे कम मतदान

नई दिल्ली । सात चरणों में होने वाले लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में सोमवार को 9 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की 96 सीटों पर मतदान संपन्न हुआ। इसके साथ ही कुल 378 सीटों के मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर चुके हैं। इस चरण में 1,717 उम्मीदवार चुनावी मैदान में किस्मत आजमा रहे हैं। इनमें पांच केंद्रीय मंत्री, एक पूर्व मुख्यमंत्री, दो क्रिकेटर और एक अभिनेता भी शामिल हैं। सभी का राजनीतिक भविष्य ईवीएम में बंद हो गया है। इसके अलावा आंध्र प्रदेश की 175 और ओडिशा की 28 विधानसभा सीटों पर भी मतदान हुआ। पिछले तीन चरणों की तरह चौथे चरण में भी कम मतदान हुआ है। पहले चरण में 66.14 प्रतिशत, दूसरे चरण में 66.71 प्रतिशत और तीसरे चरण में 65.68 प्रतिशत वोटिंग दर्ज की गई है। 2019 के मुकाबले तीनों चरणों में इस बार कम वोटिंग हुई। चौथे दौर 2019 में 69.12 प्रतिशत मतदान हुआ था, जबकि 2024 में शाम 5 बजे तक 62.31 प्रतिशत ही मतदान हुआ है।

अब तक के चुनावों में मत प्रतिशत चर्चा का बड़ा विषय रहा है। विपक्ष ने चुनाव आयोग पर देरी से वोटिंग के आंकड़े देने का आरोप लगाया जिसका आयोग ने खंडन किया है। वहीं सत्ता पक्ष ने कहा कि विपक्ष ने तीन चरणों में हार मान ली है। जिन सीटों पर मतदान हुआ है, उनमें से कई सीटें ऐसी हैं जहां से दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर रही है। इनमें सपा प्रमुख अखिलेश यादव, पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान और कीर्ति आजाद, अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा समेत कई केंद्रीय मंत्री और कई पूर्व मंत्री शामिल हैं। लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में आंध्र प्रदेश की सभी 25 सीटों पर मतदान हुआ। वहीं उत्तर प्रदेश की 13, तेलंगाना की 17, महाराष्ट्र की 11, मप्र की आठ, पश्चिम बंगाल की आठ, बिहार की पांच, झारखंड और ओडिशा की चार-चार व जम्मू कश्मीर की एक सीट पर मतदान हुआ। चुनाव के बीच पश्चिम बंगाल, बिहार और महाराष्ट्र में तीन लोगों की अलग-अलग वजह से मौत हुई है। पश्चिम बंगाल के बोलपुर में वोटिंग से एक दिन पहले टीएमसी कार्यकर्ता की हत्या हो गई। टीएमसी ने सीपीआई(एम) समर्थकों पर बम धमाके का आरोप लगाया है। दुर्गापुर में भाजपा और टीएमसी समर्थकों की बीच झड़प हुई है। बिहार के मुंगेर में वोटिंग से पहले एक पोलिंग एजेंट की हार्ट अटैक से मौत हो गई। मुंगेर में ही वोटिंग के दौरान पर्ची नहीं देने के आरोप में कुछ लोगों ने सुरक्षाकर्मियों पर पथराव किया। पुलिस ने लाठीचार्ज किया और 2 युवकों को हिरासत में लिया है। महाराष्ट्र के बीड में एक न्यूज चैनल के पत्रकार की हार्ट अटैक से मौत हुई है। आंध्र प्रदेश के गुंटूर से वायएसआर कांग्रेस के विधायक अन्नाबाथुनी शिवकुमार ने एक बूथ पर वोटर को थप्पड़ जड़ दिया। जवाब में वोटर ने भी उन्हें थप्पड़ मारा। इसके बाद विधायक समर्थकों ने शख्स की पिटाई कर दी। शख्स ने विधायक को कतार में नहीं आने पर टोका, जिस पर विवाद हुआ। आंध्र प्रदेश में ही वोटर के साथ दुव्र्यवहार का एक दूसरा मामला सामने आया है। जहीराबाद के कांग्रेस प्रत्याशी सुरेश शेतकर के भाई नागेश शेतकर ने एक वोटर को लात मारी। किसी बात को लेकर दोनों के बीच बहस हुई। इसके बाद वोटर की बाइक गिरा दी गई, जब वो उठाने गया तो उसे शेतकर ने पैर से मारा।

मोबाइल टॉर्च की रोशनी में कराया मतदान

इंदौर में शहर के कुछ मतदान केंद्रों पर बिजली गुल हो गई। जिसके बाद वहां मौजूद कर्मचारियों ने मोबाइल टॉर्च की रोशनी में मतदान करवाया। ये वीडियो शहर के केंद्रीय लोक निर्माण विभाग स्थित मतदान केंद्र का है।

माधवी लता ने मुस्लिम वोटर का बुर्का हटवाया

हैदराबाद से एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ चुनाव लड़ रहीं भाजपा कैंडिडेट माधवी लता विवादों में घिर गई हैं। माधवी ने हैदराबाद के एक बूथ पर कुछ मुस्लिम महिला वोटर्स के आईडी मांगे। उनके चेहरे से बुर्का हटवाया और आईडी से मिलान की। इस पर विवाद छिड़ गया है। घटना का वीडियो सामने आने के बाद माधवी लता के खिलाफ हैदराबाद के मलकपेट पुलिस स्टेशन में केस दर्ज कर लिया गया है। मामले पर हैदराबाद कलेक्टर ने कहा है कि माधवी लता के खिलाफ धारा 171सी, 186, 505(1)(सी) और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 132 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

पांचवें चरण में 159 दागी, 227 करोड़पति

पांचवें चरण के नामांकन की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। इस बीच, एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉम्र्स (एडीआर) ने पांचवें चरण में चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों के हलफनामों का विश्लेषण किया है। इस चरण में कुल 695 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं जिनके शपथपत्रों का विश्लेषण किया गया है। एडीआर ने सोमवार को जारी किए एक विश्लेषण में बताया है कि पहले चरण में 695 उम्मीदवारों से 159 पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। वहीं 227 उम्मीदवार करोड़पति हैं। आइये जानते हैं कि एडीआर की रिपोर्ट में क्या-क्या है?

उम्मीदवारों की आपराधिक पृष्ठभूमि

695 में से 159 (23 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किए हैं। 122 (16 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने अपने ऊपर गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं। तीन उम्मीदवारों ने अपने ऊपर दोषसिद्ध मामले घोषित किए हैं। चार उम्मीदवारों ने अपने ऊपर हत्या (आईपीसी-302) से जबकि 28 उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ हत्या के प्रयास (आईपीसी-307) से जुड़े मामले घोषित किए हैं। महिलाओं के ऊपर अत्याचार से जुड़े मामले घोषित करने वाले उम्मीदवार 29 हैं। इन 29 में से एक उम्मीदवार के ऊपर दुष्कर्म (आईपीसी-376) से जुड़ा मामला दर्ज है। इसके अलावा, भडक़ाऊ भाषण से जुड़े मामले घोषित करने वाले कुल 10 उम्मीदवार हैं।

दलवार आंकड़े

पांचवें चरण में सपा के सभी 10 में से पांच उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले हैं। वहीं, शिवसेना के छह में से तीन, एआईएमआईएम के चार में से दो, भाजपा के 40 में से 19, कांग्रेस के 18 में से आठ, टीएमसी के सात में से तीन, शिवसेना (यूबीटी) के आठ में से तीन और राजद के पांच में से एक उम्मीदवार के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं।

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