नई दिल्ली : अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने ईरान द्वारा कभी भी हमला करने की बात कही है। बाइडन ने इसी को देखते हुए ईरान को चेतावनी देते हुए कहा कि वह इजरायल पर हमला न करे, क्योंकि अमेरिका उसकी रक्षा के लिए खड़ा है। दूसरी ओर ईरान ने दूतावास पर हमले को उस पर हमले के रूप में देख रहा है। ईरान इस बार लेबनान में हिजबुल्लाह की सहायता के बजाय इजरायल पर सीधा हमला करने की योजना बना रहा है।
बाइडन के बयान से पहले, व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने भी इजराइल पर ईरान के हमले की आशंका जताई थी। हालांकि, उन्होंने कोई समयसीमा नहीं बताई कि कब ये हमला हो सकता है। कुल मिलाकर इजरायल और फलस्तीन में अभी जंग थमी भी नहीं है और एक नया युद्ध छिड़ने की कगार पर है। इस महीने की शुरुआत में दमिश्क में ईरान के दूतावास पर इजरायल ने हमला कर दिया था, जिसमें दो ईरानी जनरलों की मौत हो गई थी। इस हमले के बाद ईरान ने जवाबी कार्रवाई की धमकी दी है, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। ईरानी हमले की आशंका को देखते हुए दूसरे देश भी एक्शन मोड में आ गए हैं। भारत, फ्रांस और रूस सहित कई देशों ने अपने नागरिकों को इन दोनों देशों की यात्रा न करने की चेतावनी दी है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि सभी भारतीयों को सलाह दी जाती है कि वे अगली सूचना तक ईरान या इजराइल की यात्रा न करें। एडवाइजरी में कहा गया कि जो लोग अभी ईरान या इजराइल में रह रहे हैं, वो वहां के भारतीय दूतावासों से संपर्क करें और अपना पंजीकरण कराएं। ईरान में तकरीबन 4000 भारतीय रहते हैं तो वहीं इजराइल में 18500 भारतीय रहते हैं। जानकारी के अनुसार, भारत सरकार दोनों देशों से रह रहे भारतीयों की संभावित निकासी सहित विभिन्न स्थितियों से निपटने की तैयारी कर रही है। वहीं, ईरानी सूत्रों और अमेरिका के राजनयिकों ने कहा कि तेहरान ने वाशिंगटन को संकेत दिया है कि वह तनाव बढ़ाने से बचना चाहता है और जल्दबाजी नहीं करेगा।एक अमेरिकी रक्षा अधिकारी ने कहा कि पेंटागन इजरायल की रक्षा प्रणाली को मजबूत करने की कोशिश में लग गया है।