भोपाल, 27 अगस्त। बहुजन समाज पार्टी ने मध्यप्रदेश में आगामी विधानसभा उपचुनाव के लिए अपने 8 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। ये सभी उम्मीदवार ग्वालियर-चंबल की सीटों के लिए घोषित किए गए हैं। दरअसल मायावती इस अंचल में बसपा की खोई हुई ताकत फिर से हासिल करना चाहती हैं।   

मध्यप्रदेश में उपचुनाव को लेकर राजनीतिक सक्रियता बढ़ने लगी है। प्रदेश की 27 सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर बीएसपी ने भी कमर कस ली है। बसपा ने गुरुवार को आठ उम्मीदवारों की पहली सूची कर दी है। पार्टी ने मुरैना जिले के जौरा, मुरैना और अम्बाह विधानसभा क्षेत्र से सोनेराम कुशवाह, रामप्रकाश राजौरिया और भानुप्रताप सिंह सखवार को उम्मीदवार बनाया है। इसके साथ ही भिंड जिले के मेहगांव से योगेश मेघसिंह नरवरिया और गोहद सीट से जसवंत पटवारी बसपा के उम्मीदवार होंगे। बसपा ने ग्वालियर जिले की डबरा सीट पर संतोष गौड़ को, शिवपुरी की पोहरी सीट पर कैलाश कुशवाह, और करैरा विधानसभा सीट पर राजेंद्र जाटव को अपना उम्मीदवार बनाया है। 

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में जल्द ही 27 सीटों पर निर्णायक उपचुनाव होने हैं। उपचुनाव के परिणाम तय करेंगे कि प्रदेश में किसकी सरकार रहेगी। ग्वालियर-चंबल पर सभी पार्टियों का फोकस है, क्योकि यहां 16 सीटों पर चुनाव होने हैं। यह इलाका बसपा का पारंपरिक प्रभाव क्षेत्र रहा है।

 ग्बवालियर-चंबल पर क्यों है बसपा का फोकस

बसपा का दावा है कि आम चुनाव में ग्वालियर-चंबल संभाग की 15 सीटों पर उसे निर्णायक वोट मिले थे। उसके प्रत्याशी दो सीटों पर दूसरे क्रम पर रहे थे, जबकि 13 सीटें ऐसी थीं, जहां बसपा प्रत्याशियों को 15 से 40 हजार तक वोट मिले थे। ग्वालियर-चंबल की जिन सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं, उनमें से मेहगांव, जौरा, सुमावली, मुरैना, दिमनी, अंबाह, भांडेर, करैरा और अशोकनगर में बसपा पहले जीत दर्ज करा चुकी है। बीते चुनाव में गोहद, डबरा और पोहरी में बसपा दूसरा नंबर पर रहा, जबकि ग्वालियर, ग्वालियर पूर्व और मुंगावली में उसकी मौजूदगी नतीजों को प्रभावित करने वाली साबित हुई थी। मुरैना में भी भाजपा की पराजय में बसपा को मिले वोट प्रमुख कारण बने थे। इसके साथ ही पोहरी, जौरा और अंबाह तो में बसपा के कारण भाजपा तीसरे नंबर पर पहुंच गई थी।

विधानसभा चुनाव में इस तरह रही थी स्थिति

बीते विधानसभा चुनाव में बसपा ने ग्वालियर-चंबल की 16 सीटों पर निर्णायक वोट हासिल किए थे। अंबाह में 22,179, अशोकनगर 9,559, करैरा 40,026, ग्वालियर 4,596, ग्वालियर पूर्व 5,446, गोहद में 15,477, डबरा में 13,155, दिमनी में 14,458, पोहरी में 52,736, भांडेर में 2,634, मुंगावली में 14,202, मुरैना में 21,149, मेहगांव में 7,579, बमोरी 7,176, सुमावली 31,331  और जौरा में बसपा प्रत्याशी को 41,014 वोट मिले थे।

किंग मेकर बनना चाहती है बसपा

मध्यप्रदेश में बहुजन समाज पार्टी बहुत कम सीटों पर चुनाव जीती है, लेकिन बहुत सारी सीटों पर किसी ना किसी की हार का कारण जरूर बनती है। जाहिर है बहुजन समाज पार्टी इस स्थिति में है कि वह किसी भी प्रत्याशी के साथ सौदेबाजी कर सकती है। इसके मायावती ने पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ने का फैसला लिया है। सूत्र बताते हैं कि मायावती इस बार मध्यप्रदेश की विधानसभा में बसपा विधायकों की संख्या 10 तक पहुंचाना चाहती हैं। बसपा सुप्रीमों की मंशा है कि 24 में से कम से कम 8 सीटें बीएसपी को मिल जाएं तो फिर मध्य प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी सत्ता में भागीदार भी हो सकती है।

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