नई दिल्ली । लोकसभा चुनाव से पहले 15 राज्यों में राज्यसभा के कुल 56 सदस्यों का चुनाव होना था। इनमें से 41 निर्विरोध चुने जा चुके हैं। बाकी बची 15 सीटों पर मतदान हो रहा है। मंगलवार सुबह 9 बजे से वोटिंग जारी है, जो शाम 4 बजे तक चलेगी। इसके बाद शाम 5 बजे से वोटों की गिनती शुरू हो जाएगी और इसके कुछ ही देर बार नतीजे सामने आ जाएंगे। इन 15 में 10 सीटें उत्तर प्रदेश, चार कर्नाटक और एक सीट हिमाचल प्रदेश की हैं। इन तीन में से दो (कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश) कांग्रेस शासित हैं, जबकि उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार है। इन तीनों ही राज्यों में क्रॉस वोटिंग का खतरा मंडरा रहा है। समाजवादी पार्टी के कम से कम 10 विधायक क्रॉस वोटिंग के लिए तैयार बताए जा रहे हैं। यहां सत्तारूढ़ बीजेपी और सपा के पास सात और तीन सदस्यों को निर्विरोध राज्यसभा भेजने का आंकड़ा है। लेकिन बीजेपी ने अपने आठवें उम्मीदवार के रूप में पूर्व सपा सदस्य और उद्योगपति संजय सेठ को मैदान में उतारकर दांव बढ़ा दिया। राज्य के हर उम्मीदवार को निर्वाचित होने के लिए लगभग 37 प्रथम वरीयता वोटों की आवश्यकता होती है।

 

बीजेपी के नेताओं ने दावा किया है कि सपा के कम से कम 10 विधायक उनके संपर्क में हैं। सपा ने अभिनेता-सांसद जया बच्चन, रिटायर्ड आईएएस अधिकारी आलोक रंजन और दलित नेता रामजी लाल सुमन को मैदान में उतारा है। इस निर्णय ने स्पष्ट रूप से अपने सहयोगी अपना दल (कमेरावादी) नेता पल्लवी पटेल को अलग-थलग कर दिया है, जिन्होंने पहले कहा था कि वह मतदान नहीं करेंगी क्योंकि वह जया बच्चन और आलोक रंजन को मैदान में उतारने के निर्णय से सहमत नहीं हैं।

किस पार्टी से कौन उम्मीदवार सपा ने अभिनेत्री जया बच्चन, पूर्व आईएएस अधिकारी आलोक रंजन और पूर्व सांसद रामजीलाल सुमन को राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाया है। सपा से सिर्फ जया बच्चन की ही सीट खाली हुई थी। उधर, बीजेपी की तरफ से कुल आठ उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें सुधांशु त्रिवेदी, आरपीएन सिंह, अमरपाल मौर्या, तेजपाल सिंह, नवीन जैन, साधना सिंह, संगीता बलवंत और संजय सेठ हैं। बीजेपी को आठ उम्मीदवारों को जिताने के लिए 296 विधायकों की जरूरत पड़ेगी लेकिन विधानसभा में उसके पास 252 विधायक ही हैं। 34 सहयोगी दलों के विधायक और राजा भैया की पार्टी जनसत्ता दल के दो विधायक भी बीजेपी के साथ हैं। इस तरह बीजेपी के पास कुल 288 विधायकों का समर्थन है, जो जरूरत से आठ कम पड़ सरे हैं। उधर, सपा को तीन विधायक कम पड़ रहे हैं और कई बगावत के मूड में दिख रहे हैं। ऐसे में राज्य में क्रॉ वोटिंग की संभावना बढ़ गई है। कर्नाटक में विधायकों को होटल भेजा कर्नाटक में राज्यसभा की चार सीटों के लिए पांच उम्मीदवार मैदान में हैं। कर्नाटक में राज्यसभा चुनाव से एक दिन पहले कांग्रेस ने अपने सभी विधायकों को होटल भेज दिया है।अजय माकन, सैयद नसीर हुसैन और जीसी चंद्रशेखर कांग्रेस की तरफ से उम्मीदवार हैं, जबकि नारायण बंदगे बीजेपी और कुपेंद्र रेड्डी जनता दल सेक्युलर के उम्मीदवार हैं। कर्नाटक में राज्यसभा चुनाव का माहौल तब दिलचस्प हो गया जब भाजपा-जेडीएस गठबंधन ने अपना दूसरा उम्मीदवार (कुपेंद्र रेड्डी) मैदान में उतारा, हालांकि गठबंधन चार में से केवल एक सीट जीतने की ही ताकत रखता है। 224 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 135 विधायक हैं। भाजपा के 66 और जेडीएस के 19 विधायक हैं। अन्य विधायकों की संख्या चार है। चार सीटों के लिए हो रहे चुनाव के लिए एक सदस्य को जीतने के लिए 45 प्राथमिक वोट की जरूरत होगी। ऐसे में कांग्रेस अपने तीनों उम्मीदवारों को जिता सकती है। बावजूद इसके ‘क्रॉस वोटिंग’ की आशंकाओं के बीच कांग्रेस ने सोमवार को अपने सभी विधायकों को एक होटल में स्थानांतरित कर दिया। इस बीच सभी पार्टियों ने मंगलवार को होने वाले मतदान के लिए अपने विधायकों को व्हिप जारी किया है। हिमाचल प्रदेश में भी क्रॉस वोटिंग का खतरा कांग्रेस शासित हिमाचल प्रदेश की एकमात्र सीट पर भी चुनाव होना है। ये सीट बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल पूरा होने की वजह से खाली हुई थी। नड्डा अब गुजरात से निर्विरोध चुने जा चुके हैं। कांग्रेस ने यहां से अभिषेक मनु सिंघवी को उम्मीदवार बनाया है, जबकि बीजेपी ने उनके मुकाबले कांग्रेस से बीजेपी में आए हर्ष महाजन को उतारा है। राज्य विधानसभा में कांग्रेस के पास 40 विधायक हैं, तीन निर्दलीयों का भी समर्थन हासिल है जबकि जीत के लिए सिर्फ 35 विधायकों की ही जरूरत है।विपक्षी बीजेपी के पास सिर्फ 25 विधायक ही हैं लेकिन उसकी नजर असंतुष्ट विधायकों पर है। अगर अंसतुष्ट कांग्रेस विधायकों ने क्रॉस वोटिंग किया तो कांग्रेस का खेल बिगड़ सकता है। कुल मिलाकर यह चुनाव मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई बन गई है, जिन्होंने पिछले साल विधानसभा चुनाव के बाद राज्य की कमान संभाली थी।

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