– किसान आंदोलन: सरकार का ऑफर, किसानों का इंकार,
– पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर युद्ध जैसे हालात नई
दिल्ली/ चंडीगढ़ (ईएमएस)। केंद्र सरकार के प्रस्ताव को मानने से इनकार के बाद किसान दिल्ली कूच पर आमादा हैं। इसके लिए शंभू बॉर्डर पर हाईड्रोलिक क्रेन, जेसीबी व बुलेटप्रूफ पोकलेन जैसी भारी मशीनरी लाई गई है। किसानों को रोकने पुलिस लगातार आंसू गैस के गोले छोड़ रही है। वहीं किसान भी बॉर्डर छोडऩे को तैयार नहीं है। इस कारण पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर युद्ध जैसे हालात बने हुए हैं। खनौरी बॉर्डर पर गोली लगने से दो किसानों की मौत हो गई है। टोहाना बॉर्डर पर तैनात हरियाणा पुलिस के एसआई विजय कुमार का निधन हो गया है। बताया जा रहा है कि ड्यूटी के दौरान उनका स्वास्थ्य अचानक बिगड़ गया था। अस्पताल ले जाने पर चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। केंद्रीय मंत्रियों से वार्ता को लेकर संगठन एकमत नहीं है। कुछ किसान नेता वार्ता को तैयार हैं लेकिन कुछ का मानना है कि सरकार से अब तक बातचीत में कोई मसला हल नहीं हुआ है। इस ग्रुप का यह भी मानना है कि युवा बहुत उत्तेजित हैं अगर बार बार आगे बढऩे की स्थिति को डिफ्यूज किया गया तो वे हुड़दंग भी मचा देंगे। धरना स्थल पर कई निहंग भी आगे बढऩे को लेकर बयान दे रहे हैं, दूसरी तरफ हरियाणा पुलिस की ओर से एक बार फिर ड्रोन के जरिए पंजाब के अधिकार क्षेत्र में गोले फेंके जा रहे हैं। पंजाब पहले भी इस पर एतराज जता चुका है। शंभू बॉर्डर पर एक तरफ जहां किसान नेताओं के बीच बातचीत चल रही है। वहीं दूसरी तरफ उग्र हुए किसान और निहंग हरियाणा की बैरिकेडिंग के बिल्कुल नजदीक पहुंच चुके हैं। खनौरी बॉर्डर पर 20 से ज्यादा किसान घायल जींद के दातासिंह वाला बॉर्डर पर पुलिस तथा किसानों के बीच हुए टकराव में दो किसानों की गोली लगने से मौके पर ही मौत की सूचना है। इसके अलावा 20 से ज्यादा किसान घायल हो गए हैं। काफी किसानों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और उनको हरियाणा की तरफ ले आई है। काफी देर तक किसानों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। काफी किसान खेतों के रास्ते से बॉर्डर को पार करने की तैयारी कर रहे थे, जिस पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। जिस किसान की मौत हुई है, वह खनौरी का बताया जा रहा है। फिलहाल उसके बारे में और कोई जानकारी हासिल नहीं हुई है। पुलिस लगातार आंसू गैस के गोले दाग रही है और लाठीचार्ज किया जा रहा है। पुलिस तथा किसानों के बीच लगातार टकराव जारी है। किसान जेसीबी के माध्यम से बॉर्डर पर लगे अवरोधक को हटाने की कोशिश कर रहे हैं। सुबह फिर दिल्ली कूच होगा पंजाब के किसानों ने शंभू और खनौरी बॉर्डर से दिल्ली कूच करने का प्लान टाल दिया है। अब वे गुरूवार को दिल्ली जाएंगे। वहीं, खनौरी-दातासिंहवाला बार्डर पर भी किसानों की तरफ से सफेद झंडा लहराया गया, इसके जवाब में प्रशासन ने भी सफेद झंडा लहरा दिया। फिलहाल दोनों तरफ से शांति बनी हुई हैं। इससे पहले दिनभर शंभू और खनौरी बॉर्डर पर किसानों और पुलिस के बीच टकराव चला। पुलिस रबर बुलेट और आंसू गैस के गोले छोडक़र किसानों को दिनभर रोका। इधर खनौरी बॉर्डर पर एक युवा किसान की मौत हो गई है। किसान पंजाब के बठिंडा का रहने वाला था। उसके अलावा 12 अन्य किसान भी घायल हैं, इनमें से दो की हालत गंभीर है। वहीं टोहाना बॉर्डर पर तैनात एसआई विजय कुमार की तबीयत अचानक बिगड़ गई। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। 12 पुलिस कर्मी गंभीर रूप से घायल जींद के पुलिस अधीक्षक सुमित कुमार ने बताया- किसान आंदोलन के दौरान कुछ लोगों ने धान की पराली में आग लगाकर और मिर्ची डाल दी। इसके बाद पुलिस पर हमला कर दिया। धुआं ज्यादा होने की वजह से काफी किसानों ने तलवार, भालों और गंडासों से पुलिस पर हमला किया। हमले में 12 पुलिस कर्मी गंभीर रूप से घायल हुए हैं। शंभू बॉर्डर पर लगातार आंसू गैस छोड़े जाने से किसान आंदोलन के कोऑर्डिनेटर सरवण पंधेर को आंसू गैस का एक्सप्लोजर हुआ है, उन्हें प्रदर्शन स्थल से बाहर ले जाया गया। आंदोलन के दूसरे बड़े नेता जगजीत डल्लेवाल को भी आंसू गैस की वजह से सांस लेने में प्रॉब्लम हुई है। उन्हें भी बाहर ले जाया गया। आंदोलन पर देश भर के किसान एकजुट: टिकैत भाकियू अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत या राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ट्रैक्टर मार्च में शामिल होकर मेरठ पहुंचे। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के समर्थन में पूरे देश का किसान एकजुट है। हम किसानों के लिए कहीं भी जाने को तैयार हैं। कहा कि किसानों के लिए दिल्ली दूर नहीं है। भारतीय किसान यूनियन के राष्टीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि भाजपा किसानों की नही उद्यमियों की सरकार है। किसानों की सरकार होती तक अब से पहले एमएसपी पर गारंटी कानून बन चुका होता। उन्होंने यह बात जिलाधिकारी कार्यलय में भाकियू के ट्रेक्टर मार्च के बाद कलेक्ट्रेट में किसानों के धरने को संबोधित करते हुए कहीं। उन्होंने दिल्ली जाने की बात पर कहा कि हमारे लिए यही दिल्ली है। भाकियू की ओर से सभी जिला मुख्यालय पर ट्रेक्टर मार्च के बाद ज्ञापन दिया जा रहा है, जिसमें एमएसपी समेत अन्य मुद्दों को शामिल किया गया है। गुरुवार को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक होगी, जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी। उधर, मुजफ्फरनगर में भाकियू अध्यक्ष नरेश टिकैत किसानों के बीच पहुंच गए हैं। यहां किसान कार्यकर्ताओं का धरना प्रदर्शन जारी है। वहीं पीनना गांव में थांबेदार मित्रपाल सिंह के आवास पर जुटे खाप चौधरियों ने किसान आंदोलन का समर्थन किया। ट्रैक्टर मार्च को लेकर पुलिस सतर्क है। कई स्थानों पर पुलिस ने किसानों को रोकने का प्रयास भी किया। भाकियू अध्यक्ष बोले-बड़े आंदोलन की करो तैयारी मुजफ्फरनगर में भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने ट्रैक्टर मार्च के दौरान कलक्ट्रेट में धरना पदर्शन के बीच कहा की 26 फरवरी को किस सडक़ों पर उतरकर किसान विरोध करेंगे। हरिद्वार से दिल्ली तक अपने अपने क्षेत्र में किसान ट्रैक्टर खड़े करेंगे। किसानों से आह्वान किया कि कहीं भी रास्ता जाम न करें। कार्यकर्ता जाम लगाने वालों पर भी निगाह रखेंगे। तैयारी करो आंदोलन बड़ा होगा। किसानों को मिला रेड कॉरिडोर! हरियाणा-पंजाब के शंभू बॉर्डर तक पहुंचे किसानों को लेकर दो प्रदेशों की पुलिस आमने-सामने है। इंटेलिजेंस रिपोर्ट में जो इनपुट दिए गए हैं, उनके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय भी सक्रिय है। रिपोर्ट के मुताबिक, शंभू बॉर्डर पर एकत्रित हुए किसानों के पास ऐसे तमाम संसाधन मौजूद हैं, जिनकी मदद से पुलिस का मुकाबला किया जा सकता है। ये संसाधन पंजाब के विभिन्न क्षेत्रों से बॉर्डर तक कैसे पहुंचे। किसानों ने एकाएक ये आंदोलन शुरू नहीं किया है। इसके लिए पहले से ही कॉल की गई थी, उसके बावजूद किसानों को शंभू बॉर्डर तक पहुंचने से क्यों नहीं रोका गया। 20 फरवरी को जेसीबी और दूसरे भारी उपकरण भी किसानों के बीच पहुंच चुके हैं। सूत्रों का कहना है कि जब ये रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्रालय तक पहुंची हैं, तो पंजाब पुलिस इनसे कैसी अछूती रही। शंभू बॉर्डर पर किसानों का एकत्रित होना, इस मामले में पंजाब पुलिस के कई अफसर, केंद्रीय गृह मंत्रालय के रडार पर आ गए हैं।