नागपुर, 26 अगस्त। भाजपा के राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया मंगलवार को नागपुर स्थित संघ मुख्यालय पहुंचे। सिंधिया भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के बाद पहली बार संघ मुख्यालय पहुंचे। इस यात्रा के बाद माना जा रहा है कि सिंधिया संघ और भाजपा की संस्कृति को पूरी तरह आत्मसात कर रहे हैं। हालांकि राजनीतिक विश्लेषक इस दौरे को मध्यप्रदेश में आगामी  विधानसभा उपचुनाव में जीत के लिए संघ का आशीर्वाद लेने से जोड़ा जा रहा है।

भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने के करीब पांच माह बाद सिंधिया की इस यात्रा को मध्यप्रदेश में उपचुनाव की वजह से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। ज्योतिरादित्य से पहले उनकी दादी राजमाता विजया राजे सिंधिया भा कांग्रेस छोड़ कर जनसंघ में शामिल हुई थीं। उनका संघ से बहुत मजबूत रिश्ता रहा। सूत्रों के मुताबिक ज्योतिरादित्य सिंधिया ने नागपुर पहुंचकर आरएसएस के संस्थापक डॉ बलिराम केशव हेडगेवार के निवास और रेशमबाग स्थित हेडगेवार स्मृति मंदिर में शीश नवाया।

यहां आकर प्रेरणा मिलती है 

संघ मुख्यालय पहुंचे सिंधिया ने हेडगेवार निवास और स्मृति स्थल से लौटकर कहा कि यह केवल एक स्थान नहीं, बल्कि प्रेरणा स्थल है। उन्होंने आरएसएस जैसे संगठन का गठन किया जो देश की सेवा के लिए समर्पित है। यह स्थान देश सेवा के लिए ऊर्जा प्रदान करता है।

अंदरूनी विरोध को शांत करेगा संघ का अनुशासन

सिंधिया की इस यात्रा को इसलिए भी बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि भाजपा के कई दिग्गज नेता सिंधिया समर्थक मंत्रियों और पूर्व विधायकों की उपचुनाव में उम्मीदवारी का विरोध कर रहे हैं। उपचुनाव में कहीं कोई अवरोध न हो, इसके लिए वह संघ मुख्यालय से आशीर्वाद लेना चाहते हैं, ताकि संघ के काडर बेस का उन्हें समर्थन और सहयोग मिले और संघ का अनुशासन विरोधियों को शांत रखे। गौरतलब है कि ज्यातिरादित्य सिंधिया समर्थक विधायकों के साथ इसी साल मार्च में कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गए थे। उनके इस कदम से मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार सत्ता से बाहर हो गई थी और वहां भाजपा की सरकार बन गई

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