नई दिल्ली। किसानों और सरकार के बीच गुरुवार शाम 5 बजे चंडीगढ़ में बैठक होगी। किसानों को केंद्र सरकार से बातचीत के बुलावे की चिट्ठी मिली है। चिट्ठी और अनुराग ठाकुर के सकारात्मक बयान के बाद किसान नेताओं ने तीसरे दौर की बैठक की हामी भरी है। किसान नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार के अधिकारियों ने भरोसा दिया है कि जो हालात शंभू बॉर्डर पर बने हैं, उसे सामान्य किया जाएगा। किसान नेताओं ने बताया कि चंडीगढ़ में गुरुवार को होने वाली मीटिंग में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, नित्यानंद राय और अर्जुन मुंडा मौजूद रहेंगे।

अगर सरकार बात करना चाहती है तो हमें बात करनी चाहिए : सरवन सिंह पंढेर

उन्होंने कहा कि अनुराग ठाकुर का बयान हमें पता लगा, उसके बाद हमने अपने दोनों किसान नेताओं के फोरम पर बात करके मैंडेट लिया कि अगर सरकार बात करना चाहती है तो हमें बात करनी चाहिए। लेकिन जिस तरह की पुलिस कार्यवाही हो रही थी उससे हमें ऐसा लग रहा था कि केंद्र सरकार हमसे बात नहीं करना चाहती। ड्रोन से जिस तरह से हम पर शैलिंग करवाई जा रही थी। इसी वजह से हम बातचीत को राजी नहीं थे।

उन्होंने कहा कि पंजाब पुलिस के अफसर हमें आगे लेकर गए कि शैलिंग को लेकर हरियाणा सरकार से बातचीत करते हैं लेकिन उस दौरान किसान नेताओं को टारगेट करते हुए रबड़ की गोली चलाई गई। इसी वजह से हम कह रहे हैं कि केंद्र सरकार का रवैया ठीक नहीं है। जब हम कह रहे हैं कि हम पीसफुल बैठेंगे, आगे नहीं बढ़ेंगे तो केंद्र सरकार को हम पर शैलिंग नहीं करनी चाहिए। केंद्र सरकार हमें भड़काने का प्रयास कर रही है।

उन्होंने कहा कि अब हम पर शैलिंग और फायरिंग हरियाणा पुलिस नहीं कर रही बल्कि पैरामिलिट्री फोर्स को लगाया गया है। देश में पैरामिलिट्री फोर्सज तब लगती है जब कोई इमरजेंसी के हालात हों। यूपी में जो यूनियन हमें समर्थन दे रही हैं, उन किसानों को गिरफ्तार किया जा रहा है। लेकिन इस तरह के हालात में भी हम वार्ता करना नहीं छोड़ेंगे। हम टकराव नहीं चाहते। हम कल भी शंभू बॉर्डर पर शांतिपूर्वक बैठेंगे। हम प्रधानमंत्री से निवेदन करते हैं कि जब किसान शांतिपूर्वक बैठे हों तो उन पर पैरामिलिट्री फोर्सेज शैलिंग ना करें।

उन्होंने कहा कि जब तक मीटिंग नहीं होगी और उसमें कोई बात निकल कर सामने नहीं आएगी। हम आगे नहीं बढ़ेंगे। शंभू बॉर्डर पर ही बैठकर हमारे किसान इंतजार करेंगे। दिल्ली जाना हमारे लिए कोई प्रतिष्ठा का सवाल नहीं है। मीटिंग में अगर हमारी मांगों पर सकारात्मक रवैया रहेगा तो ही हम आगे की रणनीति बनाएंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *