दावोस। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भारत के जीडीपी में बढ़ोतरी का अनुमान जताया है। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि भारत की अर्थव्यवस्था की रियल जीडीपी अगले वित्त वर्ष 2024-2025 में 7 प्रतिशत का आंकड़ा छू लेगी। वहीं, मंहगाई की मार में नरमी भी हो सकती है। शक्तिकांत दास ने स्विटजरलैंड के दावोस में चल रहे वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के सालाना बैठक से इतर एक समाचार चैनल के साथ खास इंटरव्यू में ये बातें कही। शक्तिकांत दास ने गुरुवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने लंबे समय तक उथल-पुथल का सामना किया है। इसमें रूस-यूक्रेन युद्ध, मिडिल-ईस्ट में चल रही जंग और कोरोना महामारी शामिल है।शक्तिकांत दास ने इस बात पर भी जोर दिया कि केंद्रीय बैंक मुद्रास्फीति की बारीकी से निगरानी कर रहा है। यूक्रेन संकट के शुरुआती महीनों के दौरान महंगाई दर 7.8 प्रतिशत तक पहुंच गई थी। इससे केंद्रीय बैंक का टारगेट बैंड खतरनाक रूप से प्रभावित हुआ। शक्तिकांत दास ने महंगाई की दर में कमी होने की उम्मीद भी जताई। उन्होंने कहा कि महंगाई की दर अभी 4 प्रतिशत की ओर बढ़ रही है।

 

 

शक्तिकांत दास ने कहा, भारत हाल की अस्थिरताओं और अनिश्चितताओं जैसे स्वास्थ्य संकट और भू-राजनीतिक तनाव से उबर गया है। हम बेहतर बनकर उभरे हैं। हमारी व्यापक आर्थिक स्थिरता ज्यादातर अन्य देशों की तुलना में बेहतर है। साथ ही भारत का फाइनेंशियल सेक्टर भी अच्छा परफॉर्म कर रहा है। दास ने आगे कहा, 7 प्रतिशत की वृद्धि का आंकड़े के बारे में जब हमने कहा था, तो यह आशावादी लग रहा था लेकिन अब देखिए, राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 7.3 प्रतिशत का एडवांस आंकड़ा दिया है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय यानी एनएसओ की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, 31 मार्च को खत्म होने वाले वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद के 7.3 फीसदी की दर से बढ़ने की उम्मीद है। हालांकि, अक्टूबर में खत्म हुई दूसरी तिमाही में विकास दर 7.5 फीसदी से ऊपर रही थी।

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