कंपाला। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बृहस्पतिवार को मिस्र मालदीव, अंगोला और बेलारूस के अपने समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकें की, जिस दौरान उन्होंने उनके साथ आपसी हितों और बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग बढ़ाने के मुद्दों पर चर्चा की। जयशंकर गुटनिरपेक्ष आंदोलन (एनएएम) के दो-दिवसीय शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए कंपाला में हैं। उन्होंने मालदीव के विदेश मंत्री मूसा ज़मीर के साथ द्विपक्षीय संबंधों पर ‘स्पष्ट बातचीत’ की। जयशंकर ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग के बारे में भी बात की। भारतीय नागरिकों के लिए वीजा-मुक्त व्यवस्था बढ़ाने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया।’ जयशंकर ने बेलारूस के विदेश मंत्री सर्गेई एलेनिक से भी मुलाकात की और विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग पर विचारों का आदान-प्रदान किया। उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘बेलारूस के विदेश मंत्री सर्गेई एलेनिक के साथ एक सार्थक बैठक। विभिन्न क्षेत्रों में भारत-बेलारूस सहयोग पर विचारों का आदान-प्रदान किया। साथ ही यूक्रेन संघर्ष से संबंधित घटनाक्रम पर भी चर्चा की।’

 

 

इससे पहले उन्होंने अपनी यात्रा की कुछ तस्वीरें भी साझा कीं और लिखा, ‘उन्नीसवें एनएएम शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए कंपाला पहुंचा हूं।’ भारत ने एनएएम और जी-77 समूह के शिखर सम्मेलन की मेजबानी में युगांडा के सहयोग के लिए देश को मदद स्वरूप 10 बसें, पांच एम्बुलेंस, 10 ट्रैक्टर और कुछ ध्वज स्तंभ प्रदान किए हैं। जयशंकर की कंपाला यात्रा युगांडा और नाइजीरिया के उनके दो देशों के दौरे का हिस्सा है। विदेश मंत्रालय (एमईए) ने उनकी यात्रा से पहले नयी दिल्ली में एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि कंपाला के बाद विदेश मंत्री 21 जनवरी से नाइजीरिया की तीन दिवसीय यात्रा करेंगे। विज्ञप्ति में कहा गया है कि युगांडा के नेतृत्व में एनएएम शिखर सम्मेलन 120 से अधिक विकासशील देशों को ऐतिहासिक महत्व के अहम मंच पर एक साथ लाता है। शिखर सम्मेलन का विषय ‘साझा वैश्विक समृद्धि के लिए गहन सहयोग’ है और इससे पहले मंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों के स्तर पर विचार-विमर्श किया जाएगा। विदेश राज्य मंत्री राजकुमार रंजन सिंह एनएएम विदेश मंत्रियों की बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।

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