ग्वालियर, 19 अगस्त। ग्वालियर के प्रतिष्ठित माधव इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी एंड साइंस में बेजा फीस वसूली के विरुद्ध विरोध प्रदर्शन बीते कई दिनों से जारी है। बुधवार सुबह विद्यार्थियों ने हंगामा करते हुए 2 घंटे तक मेन गेट के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और किसी को भी अंदर-बाहर नहीं जाने दिया। हालांकि संस्थान के निदेशक डॉ.पंडित के मुताबिक जो फीस प्रबंधन के अधिकार क्षेत्र में आती है उसे माफ कर विद्यार्थियों को दो किश्तों में जमा करने की सुविधा दी गई है, जबकि ट्यूशन फीस राज्य सरकार की अनुमति को बिना संशोधित नहीं की जा सकती। डॉ.पंडित के अनुसार ट्यूशन फीस के लिए शासन के पास अनुशंसा भेजी जा चुकी है।  

दरअसल कॉलेज में लॉकडाउन के कारण MITS में क्लासरूम की जगह ऑनलाइन लेक्चर दिए जा रहे हैं। विद्यार्थियों के मुताबिक, स्टूडेंट वेलफेयर, लेबोरेटरी फीस समेत अन्य फीस जमा करने के लिए उन पर दबाव बनाया जा रहा है, जबकि ट्यूशन फीस जमा करने के लिए वह तैयार हैं। रजिस्ट्रार डॉ.शैलेंद्र भदौरिया ने बताया कि कोई विद्यार्थियों को बरगला रहा है। विद्यार्थियों की वह मांगे मान ली गई हैं जो MITS प्रबंधन के अधिकार क्षेत्र में हैं। इसके साथ ही ट्यूशन फीस में माफी के लिए भी अनुशंसा राज्य शासन को भेज दी गई है। फीस प्रवेश के दौरान ही बता दी जाती है, और उसकी तुलना अन्य किसी संस्शान से नही की जा सकती।

Grievance Policy – Citrus Consumer App

ऑनलाइन पेमेंट गेटवे से परेशानी

फीस माफी के लिए आंदोलन कर रहे विद्यार्थियों ने बताया कि फीस जमा करना के लिए उपयोग में लाया जा रहा ऑनलाइन पेमेंट गेटवे सिट्रस अतिरिक्त शुल्क वसूल कर रहा है जो बैंक के डिमांड ड्राफ्ट से भी बहुत ज्यादा है। जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा दे रहे हैं। प्रबंधन को ऑनलइन पेमेंट में सिट्रस को मनमानी की छूट नहीं दैनी चाहिए, प्रोत्साहन के लिए ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के लिए नाम मात्र का शुल्क ही वसूल करना चाहिए। MITS का मौजूदा ऑनलाइन पेमेंट सिस्टम तो विद्यार्थी की विवशता का फायदा उठा कर जजिया कर वसूल कर रहा है। इसके साथ ही सिंट्रस का पेमेंट सिस्टम का सर्वर बहुत धामा और तकनीकी रूप से निजी संस्थानों की तुलना में बेहद पिछड़ा हुआ है, और इसमें कई बड़े निजी और राष्ट्रीयकृत बैंक के खातों को पेमेंट लिस्ट में शामिल ही नहीं किया गया है। तकनीकी रूप से सक्षम तकनीकी शिक्षा संस्थान से तो सुविधाजनक तकनीकी संसाधनों की उम्मीद होती है।

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