नई दिल्ली। भारत हमेशा से ही अपने दूसरे देशों की मदद करने के लिए आगे आता रहा है। दुनिया में भारत का हाथ मदद के लिए सबसे पहले उठता है। एक बार फिर से मुसीबत में फंसे इजराइली व्यापारिक जहाज को बचाने के लिए भारत का ‘विक्रम’ निकल चुका है। भारतीय तटरक्षक जहाज आईसीजीएस विक्रम एक इजराइली व्यापारिक जहाज एमवी केम प्लूटो की ओर बढ़ रहा है। यह जहाज पोरबंदर से 217 समुद्री मील दूर अरब सागर में मौजूद है। कहा जा रहा है कि इसमें ड्रोन हमले के कारण आग लग गई है, हालांकि आग बुझा ली गई है, लेकिन आग लगने का प्रभाव अभी भी बाकी है। जहाज में कच्चा तेल है और यह सऊदी अरब के एक बंदरगाह से मैंगलोर की ओर जा रहा था। जहां तक विक्रम की ताकत का सवाल है तो पहले स्वदेशी रूप से विकसित अपतटीय गश्ती जहाज आईसीजीएस विक्रम को चेन्नई के एन्नोर के पास कट्टुपल्ली बंदरगाह पर भारतीय तट रक्षक में शामिल किया गया था। यह जहाज 98 मीटर श्रेणी के सात विक्रम श्रेणी के अपतटीय गश्ती जहाजों में से पहला है।

 

विक्रम बिना ईंधन भरे कम से कम 5,000 समुद्री मील की यात्रा कर सकता है। आईसीजीएस विक्रम की लागत 190 करोड़ रुपये के करीब है और अब इसे कमांडर, तटरक्षक क्षेत्र (पश्चिम) के परिचालन और प्रशासनिक नियंत्रण के तहत मैंगलोर में तैनात किया गया है। फिलहाल जानकारी के हिसाब से आग तो बुझ गई है, लेकिन इसका असर कामकाज पर काफी पड़ा है। आईसीजीएस विक्रम को भारतीय विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र की गश्त पर तैनात किया गया था। अब उसे वेसल की ओर भेजा गया। अधिकारियों ने बताया कि चालक दल के सभी सदस्य सुरक्षित हैं, जिनमें करीब 20 भारतीय भी शामिल हैं। आईसीजीएस विक्रम ने क्षेत्र के सभी जहाजों को मदद करने के लिए कहा है।

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