मुंबई। आने वाली 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर का भव्य उद्घाटन होने जा रहा है। समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और सोनिया गांधी सहित कई विपक्षी नेताओं को आमंत्रित किया गया है। वहीं सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी, सीपीआई महासचिव डी राजा, बीएसपी प्रमुख मायावती और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल को निमंत्रण भेजा जा रहा है। हालांकि, उद्धव ठाकरे के नाम का जिक्र किसी ने नहीं किया है। वहीं शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे को अभी तक आमंत्रित नहीं किया गया है। जिसके कारण सियासी चौपालों पर तरह तरह की चर्चाएं शुरु हो गई हैं। हकीकत जो भी हो पर ठाकरे के उस बयान पर बात हो रही है जिस पर उन्होंने आशंका जताते हुए सितंबर में दावा किया था कि राम मंदिर उद्घाटन समारोह के लिए देश भर से बड़ी संख्या में लोगों के उत्तर प्रदेश के अयोध्या में जुटने की उम्मीद की जा रही है। इसकी वापसी यात्रा के दौरान गोधरा जैसी घटना हो सकती है। जलगांव में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ठाकरे ने कहा था, ऐसी संभावना है कि सरकार राम मंदिर उद्घाटन के लिए बसों और ट्रकों में बड़ी संख्या में लोगों को आमंत्रित कर सकती है और उनकी वापसी यात्रा पर गोधरा जैसी घटना हो सकती है।

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