सत्र में 146 सांसदों के निलंबन का बना रिकॉर्ड

नई दिल्ली । लोकसभा में भारी हंगामे के बीच गुरूवार को भी सांसदों के निलंबन की कार्रवाई जारी रही। गुरुवार को लोकसभा से तीन और सांसदों को निलंबित कर दिया गया। इनमें नकुलनाथ, डीके सुरेश और दीपक बैज शामिल हैं। तीनों का निलंबन शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए प्रभावी रहेगा। इस तरह संसद के दोनो सदनों से निलंबित किए गए सांसदों की संख्या 146 हो गई है। इनमें लोकसभा के 100 और राज्यसभा के 46 सांसद हैं। वहीं संसद के शीतकालीन सत्र के लिए लोकसभा की बैठक तय समय से एक दिन पहले गुरुवार को ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। सत्र की शुरुआत चार दिसंबर को हुई थी। तय कार्यक्रम के मुताबिक सत्र 22 दिसंबर तक चलना था। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन को बताया कि इस सत्र में करीब 74 फीसदी काम हुआ। उन्होंने कहा कि कार्य उत्पादकता 74 प्रतिशत रही। इसके लिए 14 बैठकें हुईं। सभा 61 घंटे 50 मिनट तक चली। इस दौरान 12 सरकारी विधेयक पेश किए गए और कुल 18 सरकारी विधेयक चर्चा के बाद पारित किए गए। इस दौरान अलग-अलग विभागों से जुड़ी लोकसभा की स्थायी समितियों ने 35 प्रतिवेदन भी पेश किए। इसके अलावा सांसदों ने शून्यकाल में 182 अविलंबनीय लोक महत्व के मुद्दों को उठाया।

विपक्ष ने पैदल मार्च निकाला

सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले विपक्ष के सांसदों ने पुरानी संसद से विजय चौक तक पैदल मार्च निकाला। इस दौरान खडग़े ने कहा कि सरकार संसद सुरक्षा चूक पर जवाब दे। पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह संसद में आकर इस मामले पर बयान दें। बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि संसद से विपक्ष के सांसदों का निलंबन ठीक नहीं है। इस बीच, लोकसभा और राज्यसभा के अंदर भी हंगामा हुआ। आज भी कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष का हंगामा देखने को मिला। प्रश्नकाल में ही विपक्ष के कुछ सांसद नारेबाजी करते दिखे।

जंतर-मंतर पर आज प्रदर्शन

इंडिया गठबंधन के सांसदों को निलंबित किए जाने के खिलाफ कांग्रेस ने 22 दिसंबर को सुबह 11 बजे जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने का फैसला किया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी संबोधित करेंगे। खडग़े ने कहा कि पीएम वाराणसी, अहमदाबाद जा रहे हैं, वे हर जगह बोल रहे हैं, संसद में सुरक्षा चूक पर नहीं बोल रहे। गृह मंत्री अमित शाह ने भी संसद के सिक्योरिटी लेप्स पर कुछ नहीं कहा। हम इसकी निंदा करते हैं। सरकार सदन नहीं चलने देना चाह रही है। विपक्ष की आवाज दबा रही है। संसद में बोलना हमारा अधिकार है। सभापति मामले को जातिगत रंग दे रहे हैं। शरद पवार ने कहा कि सदन में जो हुआ, वो इतिहास में कभी नहीं हुआ। जो लोग सदन में घुसे, वो किसकी मदद से आए। सुरक्षा में चूक पर चर्चा क्यों नहीं हो रही? चर्चा कराने की बजाय सांसदों को सस्पेंड कर दिया। सभापति की मिमिक्री पर पवार ने कहा कि ये सदन के अंदर का नहीं, बाहर का मामला है।

ये बिल पास हुए

राज्यसभा में गुरुवार को टेलीकम्युनिकेशन बिल 2023 पास हो गया। इस बिल को लोकसभा में 20 दिसंबर को पास किया गया था। अब इसे राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेज जाएगा। राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद यह बिल कानून बन जाएगा। इस बिल में फर्जी सिम लेने पर 3 साल जेल और 50 लाख तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। लोकसभा ने गुरुवार को ही मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति, सेवा शर्तों को विनियमित करने वाले बिल को मंजूरी दे दी। राज्यसभा से यह बिल 12 दिसंबर को पास हुआ था। इसे चुनाव आयोग (चुनाव आयुक्तों की सेवा की शर्तें और कामकाज का संचालन) अधिनियम, 1991 की जगह लाया गया है।

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