भोपाल । भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को सर्वसम्मति से मप्र विधानसभा का अध्यक्ष चुन लिया गया है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बुधवार को 66 वर्षीय तोमर को विधानसभा अध्यक्ष के रूप में चुने जाने का प्रस्ताव रखा था, जिसका विपक्ष के नेता उमंग सिंघार ने समर्थन किया। हालांकि पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी तोमर को स्पीकर चुने जाने का प्रस्ताव रखा, जिसका पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल ने समर्थन किया। इसके अलावा विपक्षी दल कांग्रेस के विधायक अजय सिंह, जयवर्धन सिंह और राजेंद्र कुमार सिंह सहित पांच और प्रस्ताव भी तोमर के पक्ष में पेश किये गये। प्रस्ताव के ध्वनि मत से पास होने के बाद प्रोटेम स्पीकर गोपाल भार्गव ने तोमर को सर्वसम्मति से विधानसभा अध्यक्ष घोषित किया। बता दें कि नरेंद्र सिंह तोमर ने विपक्षी कांग्रेस के समर्थन से सोमवार को अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन दाखिल किया था। उनके चुने जाने पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बुधवार को बधाई दी और सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुनने के लिए विपक्ष को भी धन्यवाद दिया। इस दौरान सीएम यादव ने कहा कि तोमर सत्तापक्ष और विपक्ष के नेताओं के बीच समान रूप से लोकप्रिय रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष सिंघार, पूर्व मुख्यमंत्री चौहान और अन्य नेताओं ने भी तोमर को बधाई दी।
गौतलब है कि हाल में संपन्न मप्र विधानसभा चुनाव में तोमर नरसिंहपुर विधानसभा सीट से निर्वाचित हुए हैं। वर्ष 1983 में ग्वालियर में पार्षद के रूप में जीत हासिल कर राजनीति में आने वाले तोमर हाल ही में हुये राज्य के विधानसभा चुनावों में मुरैना जिले की दिमनी सीट से विधायक चुने गए हैं। वह भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष और बाद में भाजपा के राज्य प्रमुख सहित विभिन्न पदों पर काम कर चुके हैं। तोमर 1998 में ग्वालियर सीट से जीतकर विधानसभा पहुंचे। 2003 में फिर से उसी सीट से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। फिर वह भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे।
हालांकि तोमर कुछ समय के लिए 2009 में राज्यसभा के लिए चुने गए। बाद में उसी वर्ष, उन्होंने मुरैना लोकसभा सीट से चुनाव जीता। इसके बाद उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनावों में भाजपा की टिकट पर ग्वालियर संसदीय सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल करने के बाद मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री बने। जबकि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में तोमर की सीट बदल दी गई और उन्होंने मुरैना सीट से चुनाव जीतकर केंद्र में मंत्री पद बरकरार रखा।