- शिवराज सरकार का फैसला 394 किलोमीटर लंबे चम्बल-प्रोगेस वे का नाम अब देश के पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर होगा
- पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने किया इस फैसले का स्वागत
ग्वालियर, 16 अगस्त। ग्वालियर-चंबल को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने वाले 6 हजार करोड़ की लागत के 394 किलोमीटर लंबे ‘चम्बल-प्रोगेस वे’ के नाम में अब देश के पूर्व प्रधानमंत्री और चंबल के सपूत अटल बिहारी वाजपेयी के नाम भी जुड़ गया है। ‘चंबल प्रोग्रेस वे’ का नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के नाम किए जाने का राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने स्वागत किया है।
अटल जी को सच्ची श्रद्धांजली और जनभावनाओं का सम्मान
भाजपा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए। सांसद सिंधिया ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को इस प्रोगेस-वे के श्रद्धेय अटलजी को समर्पित किये जाने पर धन्यवाद दिया और इस निर्णय को जनभावनाओं का सम्मान करार दिया।
सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट में कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जनभावनाओं का सम्मान किया है। ग्वालियर अंचल की जनता का लगाव अटल जी के साथ रहा है, उनकी पुण्यतिथि पर मध्यप्रदेश सरकार की यह घोषणा अटल जी की पुण्यतिथि पर सच्ची श्रद्धांजली है।
‘चंबल प्रोग्रेस वे’ जोड़ेगा ग्वालियर-चंबल को विकास की मुख्यधारा से
ग्वालियर-चंबल अंचल के विकास की राह में मील का पत्थर बनने वाली इस परियोजना की लागत करीब 6 हजार करोड़ बताई जा रही है। इसके शुभारंभ के बाद 394 किलोमीटर लंबी ये परियोजना ग्वालियर-चंबल को विकास की राष्ट्रीय मुख्यधारा से जोड़ने वाली साबित होगी। बीते कई सालों से इसे लेकर भाजपा की सरकार सक्रिय है, और अब इस प्रोजेक्ट पर तेजी से काम किया जा रहा है।
अंचल को तीन राज्य और चारों दिशाओं को जोड़ेगा यह हाईवे
‘चंबल एक्सप्रेस वे’ सड़क मार्गों को जोड़ने वाला एक अनोखा प्रोजेक्ट है जो दशकों से पिछड़े चंबल अंचल गांवों के लिए प्रगति का मार्ग खोलेगा। यह हाईवे नॉर्थ-साउथ कॉरिडोर को ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर से जोड़ेगा। मुरैना जिले के गढ़ोरा गांव के पास से गुजरे नेशनल हाईवे नॉर्थ-साउथ कॉरिडोर का पॉइंट है, और राजस्थान के दीगोद में कोटा-बारां नेशनल हाईवे से ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर जुड़ा है। अब चंबल एक्प्रेस वे दोनों कॉरिडोरों को जोड़कर देश की चारों दिशाओं के रास्तों की कनेक्टिविटी बहाल करेगा।