नई दिल्ली। संसद की सुरक्षा में हुई चूक मामले ने देश भर को हैरान कर दिया। इस घटना को अंजाम देने की साजिश करीब एक साल से रची जा रही थी। शुरुआती जांच और आरोपियों से पूछताछ में पुलिस को कुछ अहम जानकारियां मिली हैं। सूत्रों ने बताया कि आरोपियों के जूते विशेष रूप से डिजाइन किए गए थे। एक घुसपैठिए ने लखनऊ में मोची से ऐसे 2 जोड़ी जूते तैयार करवाए जिसके तलवों में 2.5 इंच गहरी जगह छोड़ी गई थी। धुएं के केन इसी में छिपाए गए थे। पुलिस अधिकारी ने कहा कि इन केन को आरोपी सागर शर्मा ने लखनऊ से खरीदा था।
आरोपी सागर शर्मा और मनोरंजन डी शून्यकाल के दौरान दर्शक दीर्घा से लोकसभा कक्ष में कूद गए और उन्होंने केन से पीली गैस उड़ाते हुए नारेबाजी की। हालांकि, सांसदों ने उन्हें पकड़ लिया। लगभग उसी समय संसद भवन के बाहर अमोल शिंदे और नीलम ने केन से लाल और पीले रंग का धुआं फैलाते हुए तानाशाही नहीं चलेगी आदि नारे लगाए। संसद पर 2001 में किए गए आतंकी हमले की बरसी के दिन सुरक्षा में सेंधमारी की बड़ी घटना उस वक्त सामने आई जब लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दर्शक दीर्घा से 2 लोग सदन के भीतर कूद गए। इन्होंने केन के जरिए पीले रंग का धुआं फैला दिया।
पुलिस ने कहा कि आरोपी 1929 के दौरान भारत में ब्रिटिश शासन के समय क्रांतिकारी भगत सिंह की ओर से सेंट्रल असेंबली के अंदर बम फेंके जाने जैसी घटना को दोहराना चाहते थे। आरोपियों के कब्जे से एक पर्चा बरामद किया गया जिसमें लिखा था, ‘प्रधानमंत्री लापता हैं और जो भी उन्हें ढूंढे़गा उसे स्विस बैंक से पैसा मिलेगा।’ पुलिस ने कहा कि आरोपियों ने संसद में पर्चे फेंकने की योजना बनाई थी। इसने कहा कि उन्होंने तिरंगे भी खरीदे थे। सूत्रों ने बताया कि आरोपियों के पास से कुछ और पर्चे बरामद किए गए, जिनमें युवाओं को सरकार के खिलाफ भड़काने वाले संदेश थे। एक सूत्र ने कहा कि ऐसे ही एक पर्चे पर लिखा था, ‘देश के लिए जो नहीं खौला वो खून नहीं पानी है।’
बता दें कि संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने की घटना के मुख्य आरोपी ललित झा को गुरुवार शाम गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि झा एक व्यक्ति के साथ राष्ट्रीय राजधानी के कर्तव्य पथ पुलिस थाने पहुंचा, जहां उसे विशेष प्रकोष्ठ को सौंप दिया गया। अधिकारी ने कहा, ‘ललित झा कर्तव्य पथ थाने आया जहां उसे गिरफ्तार कर लिया गया। उसे विशेष प्रकोष्ठ को सौंप दिया गया जो घटना की जांच कर रही है।’ दिल्ली की एक अदालत ने सेंध लगाने के आरोप में गिरफ्तार चार लोगों को गुरुवार को 7 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। दिल्ली पुलिस ने चार लोगों मनोरंजन डी, सागर शर्मा, नीलम वर्मा, अमोल शिंदे को आतंकवाद विरोधी गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के अंतर्गत बुधवार को गिरफ्तार किया और उन्हें अदालत के समक्ष पेश किया।